MP SMARTPHONE SCAM: ठप हो चुकी कंपनी को दिया सप्लाई का आर्डर

भोपाल। विचार मध्यप्रदेश ने मप्र में स्मार्टफोन खरीदी घोटाले का दावा किया है। ये स्मार्टफोन मप्र के टॉपर स्टूडेंट्स के लिए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक ऐसी कंपनी को 3.5 लाख मोबाइल सप्लाइ करने का आॅर्डर दे दिया जो पूरी तरह से ठप हो चुकी है। उसका वार्षिक टर्नओवर 00 है। इस खुलासे के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री जयभान सिंह पवैया और साइंस एवं टेक्नोलॉजी मंत्री उमाशंकर गुप्ता संदेह की जद में आ गए हैं। 
प्रेस से मुलाकात के समय मौजूद आजाद सिंह डबास, विजय वाते, अक्षय हुंका, अजय दुबे, विनायक परिहार और विक्रांत राय ने बताया कि स्मार्ट फोन का काम केवल अयोग्य कंपनी को देने तक ही सीमित नहीं है। सरकार ने स्मार्ट फोन की आड़ में बड़े पैमाने पर धांधली की है। टेंडर में स्मार्टफोन बांटने संबंधी क्रिया के अनुसार जिस विद्यार्थी को मोबाइल दिया जाता है, उसकी मोबाइल के बॉक्स समेत फोटो लेकर मध्य प्रदेश हायर एजुकेशन की वेबसाइट पर अपलोड करना था। लेकिन, यह वेबसाइट सही तरीके से अपडेट नहीं है।

जवाब देने को तैयार नहीं है मंत्री
कार्यकर्ताओं ने सवाल किया है कि फोरेस्टर टेक्नो सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नामक 'जीरो टर्नओवर' वाली कंपनी को 3.75 लाख मोबाइल का कॉन्ट्रैक्ट किस आधार पर दिया गया। इस मुद्दे पर उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री जयभान सिंह पवैया और साइंस एवं टेक्नोलॉजी मंत्री उमाशंकर गुप्ता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

डेमो में खराब निकला स्मार्टफोन
गुरुवार को पीसी में अक्षय हुंका ने स्मार्ट फोन का डेमो भी दिखाया। डेमो में इस्तेमाल किया गया फोन मार्च 2017 के आखिरी सप्ताह में एक छात्र को दिया गया था। मोबाइल में पढ़ाई से संबंधित कोई भी एप्लीकेशन प्री-इंस्टाल्ड नहीं थी। डेमो के दौरान फोन पर होम बटन काम नहीं कर रहा था। हुंका ने आरोप लगाया है कि, फोन बिलकुल भी उपयोग करने लायक नहीं है। स्पष्ट तौर पर न सिर्फ एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध टेंडर दिया गया, बल्कि साथ ही मोबाइल बांटने में भी भारी गड़बड़ की गई। इस घोटाले का पूरा खामियाजा सिर्फ और सिर्फ विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है।

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