भोपाल। शासकीय कर्मचारियों के लिए मप्र के कटनी में शुरू की गई मोबाइल एप से हाजिरी भरने की प्रक्रिया भारत सरकार को पसंद आ गई है। अब पूरे देश में इसे प्रभावी किया जा रहा है। सभी कर्मचारियों को इस एप्लिकेशन के माध्यम से अपनी हाजिरी देनी होगी। लोकसेवक ऐप के चलते कर्मचारियों की दफतरों में देर से पहुंचने की कलई खुलने लगेगी। विभागीय कर्मचारी दफ्तर में देरी से पहुंचने के बाद भी रजिस्टर में हस्ताक्षर कर देते थे। ऐप के जरिए हाजिरी लगने से अब कर्मचारियों की मनमानी बंद हो हो जाएगी।
क्या है लोकसेवक ऐप
प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की मनमानी पर लगाम कसने व उनकी उपस्थिति जानने के लिए लोकसेवक नाम का मोबाइल ऐप शुरू किया है। एप में प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी की आईडी बनाई गई है जिसमे वह अपनी आईडी और पासवर्ड से एप को लॉग इन कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकता है। नौकरी की समयावधि समाप्त होने पर ऐप से लॉग ऑफ कर नौकरी से जाने का समय दर्ज हो जाता है। जिससे प्रत्येक कर्मचारी की नौकरी की जानकारी संबंधित विभाग के उधााधिकारी के पास दर्ज हो जाती है। जीपीएस एक्टिवेट होने के कारण यह भी पता चल जाता है कि वो किस जगह पर खड़े होकर लॉग इन और लॉग आॅफ कर रहा है।
कर्मचारी की नौकरी का रहता है हिसाब
शासकीय सेवक शासन द्वारा निर्धारित समय पर कार्यालय नहीं पहुंचता है और ना ही निर्धारित समय तक कार्यालय में रहता है। इसी मनमानी पर लगाम कसने के लिए क्लेक्टर द्वारा शुरू किए गए लोकसेवक नाम के एक मोबाइल ऐप के द्वारा हाजिरी लगाना एवं नौकरी का समय समाप्त होने पर मोबाइल एप से लॉगऑफ होकर कर्मचारी द्वारा की गई कुल नौकरी का हिसाब आसानी से रखा जा सकता है।
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