नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि यदि मच्छर के काटने से किसी व्यक्ति की मौत होती है, तो वह संबंधित व्यक्ति के परिजनों को बीमा की राशि दिलाने के पक्ष में है। आइएमए के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल का कहना है कि मच्छरों का काटना कितना गंभीर मुद्दा है, इसे राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के एक ताजा फैसले से समझा जा सकता है। आयोग ने अपने फैसले में कहा था कि मच्छर के काटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई तो उसकी पत्नी बीमा राशि की हकदार है।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि मच्छर काटने को असंभव माना जाए, क्योंकि यह सब अचानक से होता है। मच्छर का काटना एक दुर्घटना की तरह है और बीमा कंपनी को मृतक की पत्नी को तत्काल बीमा राशि देनी चाहिए। आइएमए ने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं और इस समस्या के निदान के लिए पूरे चिकित्सा समुदाय से प्रयास करने की वकालत करते हैं।
उन्होंने बताया कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अनुसार 1 जनवरी 2017 के बाद तीन महीने के अंदर इस क्षेत्र में 79 मामले चिकनगुनिया और 24 मामले डेंगू के दर्ज किए गए। गत वर्ष हम मच्छरों के प्रकोप से निपटने में असफल रहे, जिसकी वजह से इस बार फिर मच्छरों की समस्या सामने खड़ी है। मच्छरों से होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है।