CRICKET के इस शब्द के पीछे के इतिहास को शायद किसी को नहीं है पता

राजू जांगिड़/खेल डेस्क | क्रिकेट मैदान में जब कोई बल्लेबाज शून्य पर आउट हो जाता है तो उसे डक (DUCK) कहा जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बल्लेबाज के शून्य पर आउट होने का नाम 'डक' ही क्यों पड़ा ? दरअसल क्रिकेट के 'डक' का सीधा संबंध 'बत्तख के अंडे' से है। आप भी यही सोच रहे होंगे न कि क्रिकेट और बत्तख का एक दूसरे से क्या सम्बंध है तो जानिए इस शब्द की पीछे की दिलचस्प कहानी।

पहले अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच से मिला 'डक'
क्रिकेट में जब कोई बल्लेबाज शून्य पर आउट होता है तो उसके लिए अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘डक’ का इस्तेमाल किया जाता हैं। अंग्रेजी में ‘डक’ का मतलब ‘बत्तख’ होता है। इस शब्द की शुरूआत 1866 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के बीच खेले गए दुनिया के पहले अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच के दौरान हुई थी। दरअसल 17 जुलाई 1866 को खेले गए एक अनाधिकारिक क्रिकेट मैच में वेल्स के प्रिंस एडवर्ड VII बिना खाता खोले पहली ही गेंद पर आउट हो गए। तब कमेंटेटर ने 'डक' शब्द का इस्तेमाल किया था।

ये हैं डक के प्रकार
क्रिकेट में जब कोई बल्लेबाज पहली ही गेंद पर आउट हो जाता है तो उसे ‘गोल्डन डक’ या 'रॉयल डक' कहते हैं। वहीं, बल्लेबाज यदि दूसरी गेंद पर आउट हो तो ‘सिल्वर डक’ या तीसरी गेंद पर आउट हो जाता है तो उसे ‘ब्रॉन्ज डक’ कहते हैं। यदि कोई बल्लेबाज बिना किसी गेंद का सामना किए हुए नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े खड़े शून्य पर रन आउट हो जाता है तो इसे ‘डायमंड डक’ कहते हैं। क्रिकेट के ये शब्द शायद बहुत लोगों को पता नहीं है।
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