पुलिस अंकल मुंह बांधकर मेरे कपड़े उतारते थे और फिर गंदा काम करते | CHILD RAPE

जबलपुर। यहां पुलिस का शैतानी चैहरा सामने आया है। लोन ना चुका पाने वाली एक महिला के नाम कोर्ट से निकले वारंट की तामील कराने पहुंचे पुलिस आरक्षक ने महिला को इस कदर डराया कि वो वारंट की तामील से बचने के लिए उसके जाल में फंस गई। सिपाही ने पहले महिला के साथ रेप किया और फिर उसकी 10 वर्षीय बेटी के साथ रेप करने लगा। पुलिस को दिए बयान में मासूम ने बताया है कि 'मेरी मां मुझे अंदर वाले कमरे में पुलिस अंकल के साथ बंद कर देती थी। पुलिस अंकल मेरे मुंह में कपड़ा बांधकर मेरे कपड़े उतारते थे और फिर गंदा काम करते थे। कई बार विरोध किया तो उन्होंने मुझे बुरी तरह पीटा। मां से कहती थी तो वो पहले प्यार से चुप करा देती थी, लेकिन बाद में वो भी पीटने लगीं। 

चार महीने से सगी मां और ग्वारीघाट थाने के सिपाही की दरिंदगी झेल रही 10 साल की मासूम बच्ची के ये बयान सुनकर ग्वारीघाट टीआई मधुरेश पचौरी और बाल कल्याण समिति के सदस्य अरूण जैन के भी रोंगटे खड़े हो गए। शुक्रवार शाम ग्वारीघाट थाना क्षेत्र में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला ने शिकायत की थी कि उसकी 10 साल की पोती के साथ ग्वारीघाट थाने में पदस्थ आरक्षक मयंक तिवारी कई बार दुष्कर्म कर चुका है। मामले में पुलिस ने अभी एफआईआर दर्ज नही की है। लेकिन महिला फरार हो गई है।

वारंट दिखाकर महिला को डराया
बच्ची के पिता इलाहाबाद में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। पिता ने कुछ साल पूर्व मां के नाम से एक फायनेंस कंपनी से बाइक और टीवी किश्त पर ली थी। लोन न चुका पाने पर कंपनी ने केस कर दिया था। वारंट की तामीली करने मयंक घर पहुंचा और डराकर मां से अवैध संबंध बना लिए। बाद में मयंक की नीयत बच्ची पर खराब हो गई। बच्ची ने बताया कि मयंक तिवारी दो साल से उसके घर आता-जाता था।लगभग एक माह पहले महिला घर छोड़कर भाग गई। इसके बाद बालिका अपने छोटे भाई के साथ दादी के साथ घर में रहने लगे।

पुलिस ने मेडिकल ही नहीं कराया
अफसरों की मानें तो बच्ची के बयान के बावजूद पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया है क्योंकि अभी बच्ची का मेडिकल नहीं कराया गया है। मधुरेश पचौरी, टीआई ग्वारीघाट का कहना है कि बालिका ने अपने बयान दिए हैं। जिसमें उसने अपनी मां के सहयोग से सिपाही मयंक तिवारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। सिपाही से पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

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