राष्ट्रपति चुनाव: अपने अपने आंकड़े, अपने अपने अनुमान

शैलेन्द्र गुप्ता। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी की ओर से प्रबल दावेदार लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी पर बाबरी मस्जिद प्रकरण में आपराधिक साजिश के मामले पर सुनवाई फिर से शुरू होने के कारण वे इस पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं. राष्ट्रपति चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सरगर्मियां तेज हो रही हैं. भाजपा सूत्रों के दावा पर भरोसा करें तो एनडीए कैंप के पास इस चुनाव के लिए 54 प्रतिशत वोट मौजूद हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति केंद्र सरकार के समर्थन में वोट कर सकती है.

जहां तक उम्मीदवारों की घोषणा करने की बात है तो भाजपा और सरकार में 16 जून के बाद इसपर चर्चा शुरू होगी. विपक्ष सर्वसम्मति का राष्ट्रपति उम्मीदवार उतारने को लेकर सरकार पर दबाव बना रहा है. वहीं, लगातार यह दावा भी किया जा रहा है कि मनपसंद उम्मीदवार नहीं आया तो विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार भी उतरेगा। ऐसे में अभी स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं है.

भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी को कोई जल्दबाजी नहीं है। 15 जून तक भाजपा नेतृत्व मोदी सरकार के तीन साल के प्रचार-प्रसार में जुटा है. इस बीच प्रधानमंत्री खुद भी विदेश दौरे पर हैं. सरकार कुछ नामों पर गौर कर रही है और तय उम्मीदवार का नाम सही वक्त पर घोषणा कर चौंकाया जा सकता है.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, द्रमुक कांग्रेस के साथ जा रहा है. उसने सोनिया गांधी के विपक्षी पार्टियों की लंच बैठक में हिस्सा भी लिया है. राष्ट्रपति चुनावों के लिए कुल वोट 10, 98,882 हैं जिसमें बहुमत के लिए 5,49,442 वोटों का होना जरूरी है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए एकजुट विपक्ष के प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए भाजपा नेता ने कहा, शुक्रवार को सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई बैठक से नहीं लगता कि वो बहुमत के करीब हो सकते हैं. भाजपा अपने प्रत्याशी को राष्ट्रपति के तौर जीतते हुए देख रही है. पार्टी सूत्रों ने दावा किया है कि भाजपा के पक्ष में फैसला होगा, जो कि जल्द ही सबके सामने आ जाएगा.

विधानसभा चुनावों में जीत के बाद उत्साहित भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रपति चुनावों में भी अपनी ताकत साबित करने के लिए उतावली है. पार्टी इस कोशिश में लगी है कि उसके राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी न सिर्फ जीते बल्कि अत्यधिक बहुमत के साथ जीते.

विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार को लेकर चल रही चर्चा के बीच जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से मुलाकात की. इस मुद्दे पर विभिन्न दलों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाने वालीं सोनिया गांधी ने मौजूदा राजनीतिक सियासत पर उनसे चर्चा की.

अमित शाह : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने से पहले विपक्षी दलों के साथ विचार विमर्श करेगी.

सोनिया गांधी: राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष को लगभग लामबंद करने में कांग्रेस सफल रही. सोनिया गांधी की बुलाई बैठक में वो पार्टियां भी दिखीं जो एक-दूसरे से टकराती रही हैं. कुल 17 दलों की इस बैठक के राजनीतिक इशारे बड़े हैं.

अन्य: वामपंथी दलों समेत कई विपक्षी दल राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारने की संभावना पर बातचीत कर रहे हैं. फिलहाल राष्ट्रपति चुनाव के लिए बैठकों का दौर जारी है.

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !