कश्मीर में फेसबुक बैन हुई तो एक युवा ने कैशबुक बना डाली

श्रीनगर। पूरी कश्‍मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बैन लगा है। इसके बाद अब वहां के एक युवा ने अपने लोगों के लिए एक सोशल नेटवर्किंग साइट ही डेवलप कर डाली है। इस सोशल मीडिया साइट का नाम कैशबुक है और यह फेबसुक का एक विकल्‍प बन गई है। इस युवा का नाम है जेयान शफीफ और इसकी उम्र 16 वर्ष है। शफीक कश्‍मीर के अनंतनाम का रहने वाला है और जब सरकार ने घाटी में सोशल मीडिया को बैन किया तो उसके सिर्फ एक हफ्ते के अंदर ही शफीक ने कैशबुक को लॉन्‍च कर दिया था। 

घाटी में इस समय 22 सोशल नेटवर्किंग साइट बैन हैं जिनमें फेसबुक, व्‍हाट्सएप और ट्विटर भी शामिल हैं। शफीक ने हाल ही में 10वीं की परीक्षा दी है और उसने अपने दोस्‍त 19 वर्ष के उजैर जान के साथ मिलकर इसे डेवलप किया है। शफीक की इस एप के एक हजार से ज्‍यादा यूजर्स हैं। इस एप को पहले वर्ष 2013 में लॉन्‍च किया गया था और सरकार के बैन के बाद शफीक ने इसे रि-लॉन्‍च किया है। 

शफीक ने मीडिया को जानकारी दी है कि रि-लॉन्‍च होने के कुछ ही दिनों बाद इस साइट के 1,000 यूजर्स बन गए हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने पहले तो सोशल मीडिया को बैन किया और फिर सभी वीपीएन भी ब्‍लॉक कर दिया। ऐसे में कैशबुक घाटी के लोगों को आपस में कनेक्‍ट रखता है।

शफीक और उजैर जान ने एक मोबाइल ऑप्‍टेमाइज्‍ड वेबसाइट और गूगल और एप स्‍टोर के लिए भी कैशबुक की एप डेवलप की है। दोनों ही आगे चलकर कंप्‍यूटर इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहते हैं। कश्‍मीर के लोग साइट्स के बैन के बाद भी वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए ब्‍लॉक वेबसाइट का एक्‍सेस हासिल कर रहे थे।

कश्‍मीर में सरकार की ओर से 26 अप्रैल से सोशल नेटवर्किंग और मैसेजिंग एप पर बैन लगा हुआ है। यह बैन एक माह तक है और सरकार का कहना है कि कश्‍मीर में सरकार-विरोधी तत्‍व इनका दुरुप्रयोग कर रहे हैं। इन दोनों को दावा है कि कैशबुक के लिए वीपीएन की जरूरत नहीं है। दोनों ने कहा है कि अपनी एप के जरिए दोनों लोगों कश्‍मीर में बने सामान और कश्‍मीर की सेवाओं को कश्‍मीर और कश्‍मीर के फायदे के लिए प्रमोट करेंगे।
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