जहरीला हुआ भोपाल का बड़ा तालाब, मछलियां मरने लगीं

भोपाल। भोपाल की शन बड़ा तालाब का पानी जहरीला होता जा रहा है। इसमें मौजूद जलीय जीव एवं मछलियां मरने लगीं हैं। हजारों की संख्या में मरी हुई मछलियों के शव तालाब किनारे जमा हो गए हैं। गंभीर बात यह है कि इस तालाब का पानी पेयजल के रूप में भी सप्लाई किया जाता है। 10 लाख से ज्यादा लोग इस तालाब के पानी को बिना उपचार के पेयजल के रूप में उपयोग करते हैं। सवाल यह है कि क्या यह जहरीला पानी इंसानों को भी बीमार कर रहा है। इस बारे में नगरनिगम के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल की लाईफ लाइन कहे जाने वाले बड़े तालाब की हजारों मछलियों की मौत हो गई। मछलियों की इस मौत का कारण कैमिकल का प्रभाव है या कुछ और यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। करीब पांच दिनों से जारी मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है। रहवासियों की माने तो इससे पहले उन्होंने आज तक इतनी बड़ी संख्या में मछलियों को मरते नहीं देखा।

पर्यावरणविद डॉक्टर सुभाष सी पांडे ने बताया कि मछलियों का मरना इस बात का सीधा संकेत है कि यह पानी पीने के लिए सुरक्षित नहीं है और इस पानी का तुरंत परीक्षण कराया जाना चाहिए। तालाब में मछलियों के मरने के तीन कारण हो सकते है। पहला किसी अस्पताल और स्कूल का डिस्पोज किया गया कैमिकल सीधे तालाब में छोड़ दिया गया हो। दूसरा रोक के बाद भी तालाब में सिंगाड़े की खेती और इसके लिए यूरिया और अन्य कैमिकलों का उपयाग। वहीं तीसरा मूर्ती विसर्जन भी हो सकता है। लेकिन हाल ही में तालाब में कोई प्रतिमा विसर्जन नहीं हुआ है। कुल मिलाकर भोपाल की आधी आबादी खतरे में है। यह पानी उनके स्वास्थ्य पर कितना और किस तरह का प्रभाव छोड़ रहा है कहा नहीं जा सकता। 

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