प्यास से तड़प तड़प कर अतिथि शिक्षक की मौत, दोस्त को जानवर खा गए, सहायक शिक्षक लापता

मुरैना। धौरेट बाबा मंदिर के दर्शन हेतु पैदल यात्रा पर निकले तीन युवक लौटते समय जंगल में रास्ता भटक गए। तीनों में एक अतिथि शिक्षक, दूसरा सहायक शिक्षक एवं तीसरा उनका दोस्त था। रास्ता भटके युवक आपस में अलग अलग भी हो गए और प्यास से तड़प तड़प कर अतिथि शिक्षक की मौत हो गई जबकि उसके दोस्त की लाश भी खाई के पास मिली। उनके साथ गया सहायक शिक्षक अब तक लापता है। ग्रामीण जंगल में तलाश कर रहे हैं। 

अतिथि शिक्षक उदयभान ने शनिवार रात को अपने एक रिश्तेदार को आखरी फोन करके कहा कि 'हम जंगल में रास्ता भटक गए हैं। आपस में हम बिछड़ भी गए हैं। मुझे प्यास लगी है और तबियत भी खराब हो रही है। हम बुरी तरह फंस गए हैं। किसी तरह हमारी मदद करो और बचा लो।' 

इस सूचना के बाद पुलिस एवं ग्रामीण सक्रिय हुए और जंगल में तीनों की तलाश शुरू की गई। सबसे पहले लोगों को अतिथि शिक्षक उदयभान का शव मिला। शव के पास एक गड्डा भी मिला जो शायद उदयभान ने अपने हाथ से पानी की तलाश में खोदा था। वो प्यास से तड़प तड़प कर मर गया। उदयभान के शव के काफी दूरी पर उसके दोस्त नरेश का शव मिला। यह शव खाई के पास मिला। शव को जंगली जानवरों ने नौंच खाया था। माना जा रहा है कि नरेश पर जंगली जानवरों ने हमला किया होगा। 

बुरहानपुर में बतौर सहायक शिक्षक पदस्थ कृष्णकांत अभी तक लापता है। उसकी तलाश की जा रही है। कृष्णकांत व उदयभान आपस में चाचा भतीजे हैं, लेकिन हम उम्र हैं। कृष्णकांत उदयभान का भतीजा है और बुरहानपुर में सहायक शिक्षक है। वह अपने परिवार के साथ मुरैना गणेशपुरा में रहता है। उदयभान झुण्डपुरा में ही रहता है और अतिथि शिक्षक है।

सबलगढ़ में मिल गया था उदयभान
कृष्णकांत व नरेश मुरैना से धौरेट बाबा के लिए निकले थे, उदयभान दोनों को सबलगढ़ में मिल गया। इसके बाद उदयभान भी उनके साथ धौरेट बाबा के मंदिर पर दर्शन करने उनके साथ चला गया। तीनों ही कई बार धौरेट बाबा मंदिर पैदल जा चुके हैं। धौरेट बाबा मंदिर पैदल जाने के लिए ये लोग टैंटरा व विजयपुर के बीच में गढ़ी नहर के पास से सीधे जंगल होकर मंदिर तक जाते थे और इसी रास्ते से लौटते थे। गढ़ी नहर पर आकर वे बस या अन्य साधन से घर लौटते थे। हालांकि विजयपुर से धौरेट बाबा मंदिर जाने के लिए दूसरा रास्ता भी है। गढ़ी नहर से शार्टकट रास्ता अपनाना तीनों को महंगा पड़ गया।

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