राजस्थान में राहुल गांधी होंगे कांग्रेस का चेहरा, सचिन पायलट नहीं हटेंगे

नई दिल्ली। जहां मप्र में पूरी कांग्रेस सीएम कैंडिडेट का नाम डिक्लियर होने का सांसें थाम के इंतजार कर रही है वहीं राजस्थान ने तय कर लिया है कि जिस तरह यूपी में भाजपा ने पीएम मोदी को सामने रखकर चुनाव लड़ा था उसी प्रकार कांग्रेस राहुल गांधी को सामने रखकर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने साफ कर दिया है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी। पांडे ने कहा कि विधानसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। पांडे के इस बयान से यह भी साफ हो गया है कि पार्टी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करके गुटबाजी और भितरघात का खतरा मोल नहीं लेना चाहती। 

अविनाश पांडे ने खास बातचीत में साफ कहा कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे और कांग्रेस में सीएम उम्मीदवार घोषित करने की परंपरा नहीं रही है। पांडे ने पीसीसी चीफ को बदलने की संभावनाओं को महज अफवाह करार देते हुए साफ कर दिया कि सचिन पायलट ही पीसीसी चीफ रहेंगे। 

वहीं नए प्रभारी महासचिव नियुक्त होने के बाद रविवार को पहली बार हुई कांग्रेस की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेताओं ने चुनावी समर में उतरने से पहले जमीनी हालात पर मंथन किया। पहली बार कमोबेश सभी दिग्गज नेताओं ने एक साथ बैठकर पार्टी की दशा-दिशा पर चिंतन किया और सुझाव दिया। प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने नेताओं को आपसी मतभेद भुलाकर फील्ड में जनता के बीच पकड़ मजबूत बनाने की नसीहत दी। 

कांग्रेस की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में नेताओं की एकता और गुटबाजी खत्म करने पर खास जोर रहा। बैठक में सीपी जोशी, अशोक गहलोत, मोहन प्रकाश से लेकर कमोबेश सभी वरिष्ठ नेता जुटे, जिनके कांग्रेस में अपने मजबूत खेमे हैं। बैठक में जिलाध्यक्ष और सभी विधायक भी मौजूद रहे। 

दर्जन भर नेताओं के बैठक में भाषण हुए, इन नेताओं ने पार्टी की खामियों को दूर करने पर जोर दिया. राष्ट्रीय महासचिवसीपी जोशी और मोहन प्रकाश ने कई मसलों पर पार्टी की कमजोरियों पर खरी-खरी सुनाईं. सोशल मीडिया में पार्टी की खराब स्थिति पर सीपी जोशी ने खिंचाई करते हुए कहा कि अब पुराने तरीकों से काम नहीं चलेगा. पर्टी का वोट प्रतिशत जहां कम हुआ है उस पर रणनीति बनाकर काम करने की जरूरत है.

मोहन प्रकाश ने कहा कि जिंदाबाद के नारों से उपर उठकर फील्ड में काम करने की जरूरत है. अशोक गहलोत ने पार्टी कार्यकर्ताओें के ठंडे पड़े जोश पर सवाल उठाते हुए कार्यकर्ताओं में फिर से जोश भरने की वकालत की, तो वहीं पार्टी पर मुस्लिमपरस्त होने के आरोपों का सही तरीके से जवाब देने की बात कही.

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