रेत माफिया के खिलाफ आवाज उठाने वाले पूर्वमंत्री को BJP से निष्कासित करने की तैयारी

भोपाल। रेत माफिया के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत मप्र के पूर्वमंत्री एवं हरदा के दिग्गज भाजपा नेता कमल पटेल को चुकानी पड़ रही है। प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के नशे में धुत बेटे को पुलिस कार्रवाई से बचाया था, उन्हीं नंदूभैया ने कमल पटेल को निष्कासन का नोटिस थमा दिया है। इससे पहले हरदा कलेक्टर ने उनके बेटे सुदीप पटेल को जिलाबदर घोषित कर दिया था। नंदकुमार सिंह चौहान ने कमल पटेल को पार्टीविरोधी गतिविधियों में लिप्त बताते हुए जवाब तलब किया है। 

कमल पटेल नर्मदा नदी में रेत के अवैध कारोबार के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। ना केवल हरदा बल्कि होशंगाबाद और देवास तक में रेत माफिया को उन्होंने अपने निशाने पर ले लिया है। स्वभाविक है, इसमें वो नाम भी हैं जो कांग्रेस लिया करती है। कुछ लोग सीएम शिवराज सिंह के रिश्तेदार भी हैं, हालांकि वो पार्टी के पदाधिकारी नहीं है। कमल पटेल ने पिछले दिनों एनजीटी में होशंगाबाद जिले में हो रहे अवैध रेत उत्खनन को रोकने को लेकर एक याचिका दायर की थी। याचिका दायर करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कमल पटेल ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है।

कमल पटेल के लड़के को हरदा कलेक्टर द्वारा जिला बदर करने पर भी कमल पटेल ने सीएम पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि सीएम के इशारे पर ही उनके लड़के के खिलाफ कार्रवाई की गई। हालांकि सरकार द्वारा हरदा कलेक्टर को हटाकर कमल पटेल के इस आरोप को बेबुनियाद साबित करने की कोशिश की गई। कमल पटेल ने बताया कि उनको अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। अगर मिलेगा तो उसका वह उचित जवाब देंगे। हालांकि कमल पटेल ने पार्टी विरोधी कोई भी बयान सार्वजनिक मंच से देने के आरोपों को गलत बताया।

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