BHOPAL: ना व्यापारियों ने सामूहिक आत्महत्या की, ना निगम ने मांग मानी

भोपाल। बड़े तालाब पर जुटे न्यू मार्केट के जूते व्यापारियों का आज का प्रदर्शन रीता ही रहा। व्यापारी यहां सामूहिक आत्महत्या का ऐलान करके आए थे। पुलिस सबके खिलाफ आत्महत्या का प्रयास का मामला दर्ज करने को तैयार थी। गोताखोर व्यापारियों को दबोचकर किनारे लाने के लिए रेडी थे परंतु ना ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जैसा कि ऐलान किया गया था। नगरनिगम की तरफ से अपर आयुक्त एमपी सिंह औपचारिक बातचीत करने आए। निगम ने व्यापारियों की कोई बात नहीं मानी। तालाब किनारे व्यापारियों ने फिर अपनी मांगे दोहराईं और प्रदर्शन बिना नतीजे के ही समाप्त हो गया। कुल मिलाकर सामूहिक आत्महत्या का ऐलान मात्र मीडिया की सुर्खियों और महापौर को डराने के लिए था। व्यापारियों ने जलसत्याग्रह तक नहीं किया। 

व्यापारी अनिल मंडराई ने बताया कि, यहां से हटाए जाने के बाद हमने रंगमहल के सामने आवास संघ के ऑफिस के पास की जगह चिह्नित की है। हम वहां पक्की दुकानों की मांग कर रहे हैं लेकिन, महापौर का कहना है कि बाद में व्यापारियों को स्मार्ट सिटी एरिया में पक्की दुकानें दी जाएंगी।

हाईकोर्ट से भी औंधे मुंह लौट चुके हैं जूते व्यापारी
व्यापारियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली।  निगमायुक्त छवि भारद्वाज और स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों के साथ बुधवार को रंगमहल चौराहा पहुंची और शू व्यापारियों की शिफ्टिंग की जगह बदलने का निर्णय लिया। जिस प्लॉट पर पूर्व में इन्हें शिफ्ट किया जा रहा था, वहां सरकारी मकान बनाए जाना है। ऐसी स्थिति में यदि शू व्यापारियों को यहां शिफ्ट किया जाता तो मकान निर्माण में दिक्कत आ सकती थी।

महापौर आश्वासन दे चुके हैं
इन शू व्यापारियों का कहना था कि पक्की दुकानें मिलने के बाद ही वे शिफ्ट होंगे। इस पर महापौर आलोक शर्मा ने पिछले दिनों ही स्पष्ट किया था कि निगम उन्हें लागत मूल्य पर पक्की दुकानें देने के लिए राजी है। लेकिन, हर कार्य की प्रक्रिया होती है उसमें समय लगता है। पहले व्यापारी उन्हें आवंटित जगह पर शिफ्ट हो जाएं उसके बाद दुकानें बना दी जाएंगी।

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