BETUL में फिर से चुनाव कराने की मांग: कांग्रेस ने निर्वाचन आयुक्त को लिखा | ज्योति की जाति का मामला

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश की सांसद ज्योति धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर उनकी सदस्यता समाप्त करते हुए बैतूल लोकसभा चुनाव पुनः कराने की मांग की है। चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि श्रीमती धुर्वे वर्ष 2014 में सांसद निर्वाचित हुई हैं, उनके द्वारा सुरक्षित क्षेत्र से चुनाव लड़ने की पात्रता के लिए जो जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है, के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य स्तर पर जाति प्रमाण पत्र की छानबीन हेतु गठित समिति द्वारा दिनांक 1.4.17 को पारित आदेश अनुसार उनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। 

पत्र में कहा गया है कि श्रीमती ज्योति धुर्वे पति श्री प्रेमसिंह धुर्वे, ग्राम गुदगांव तहसील भैंसदेही जिला बैतूल म.प्र. द्वारा कार्यालय अनुुविभागीय अधिकारी (प्रमाणीकरण) भैंसदेही जिला बैतूल से तहसीलदार के हस्ताक्षर से जारी अस्थायी जाति प्रमाण पत्र क्रमांक अस्पष्ट दिनांक अस्पष्ट तथा कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (प्रमाणीकरण) भैंसदेही जिला बैतूल म.प्र. का प्रकरण क्रमांक /152/बी-121/2002-03 दिनांक 31.10.2012 गौंड अनुसूचित जनजाति के लिए प्राप्त किया गया है जिसे मध्यप्रदेश शासन की जांच समिति द्वारा विचार में लिये जाने के उपरांत प्रमाण पत्र पूर्णतः फर्जी पाया गया है।

श्रीमती धुर्वे के पिता का नाम श्री महादेव एवं गौत्र ठाकुर कुमरे बताया गया हैं तथा किसी भी सुरक्षित संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता के अनुरूप महिला के पिता के नाम की जाति को ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के  निर्णय अनुसार महिला के पिता की पात्रता के अनुसार ही पुत्री को ही सुरक्षित स्थान से चुनाव लड़ने की पात्रता होगी ना कि शादी उपरांत उसके पति की जाति के आधार पर उसे आरक्षण का लाभ प्राप्त करने की पात्रता होगी। जबकि श्रीमती ज्योति धुर्वे के पिता पिछडा वर्ग (व्ठब्) की श्रेणी में आते हैं और उसी अनुसार उनकी जाति ठाकुर भी पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में आती है इसलिए श्रीमती ज्योति धुर्वे कि जाति भी पिछड़ा वर्ग (व्ठब्) ही रहेगी उनके द्वारां अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की पात्रता नहीं होने के बावजूद भी उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र संलग्न कर भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव में प्रत्याशी घोषित होकर चुनाव लड़ा जो कि नियम विरूद्ध होने से शून्य घोषित होने योग्य है।

मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित जांच समिति के समक्ष कार्यवाही में श्रीमती ज्योति धुर्वे द्वारा सुरक्षित संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के संबंध में भारत सरकार गृह मंत्रालय के जाति प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी परिपत्र क्रमांक 35/1/72 आर.यू. (एस.सी.टी.व्ही) अप्रेल 1975 की कंडिका 1.1 के अनुसार व्यक्ति के पिता वास्तव में उस समुदाय के होना चाहिए जिसका यह दावा कर रही हो, किन्तु श्रीमती ज्योति धुर्वे द्वारा स्वयं या अपने पिता के मध्यप्रदेश के लिए अधिसूचित ”गौंड“ अनुसूचति जनजाति होने की पुष्टि में कोई अभिप्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये।
पत्र में आगे लिखा है-मध्यप्रदेश शासन की उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा दिनांक 1.4.2017 को सर्वसम्मति से विचाररोपरांत श्रीमती ज्योति धुर्वे पति श्री प्रेमसिंह धुर्वे, ग्राम गुदगाव तहसील भैंसदेही जिला बेतूल म.प्र. द्वारा कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी    (प्रमाणीकरण) भैंसदेही जिला बेतूल से तहसीलदार के हस्ताक्षर से जारी अस्थायी जाति प्रमाण पत्र क्रमांक अस्पष्ट दिनांक अस्पष्ट तथा कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (प्रमाणीकरण) भैंसदेही जिला बैतूल का प्रकरण क्रमांक 152/बी-121/2002-03 दिनांक 31.10.2002 से जारी प्रमाण पत्र को फर्जी मानते हुए श्रीमती धुर्वे द्वारा प्रस्तुत किए गए उक्त प्रमाण पत्र को गौंड अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर राजसात् करने का अंतिम आदेश पारित किया गया। 

चुनाव आयोग को कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि-भाजपा सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे द्वारा करीब एक माह के पश्चात उक्त संबंध में हडबडाहट दिखाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सम्पर्क किया गया एवं उक्त दौरान अपने जाति प्रमाण पत्र के फर्जी घोषित होने की घटना से अवगत कराया गया और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा तत्काल अधिकारियों को बुलाकर फटकार लगाई गई और प्रमुख सचिव को आदेशित करते हुए किसी भी तरह से श्रीमती धुर्वे के जाति प्रमाण पत्र को वैध घोषित करने के आदेश जारी करने के लिए आदेशित किया गया और आनन फानन में छानबीन समिति की रिव्यु बैठक बुलाई गई तथा नए तथ्यों का हवाला देकर शासन स्तर पर सारा काम अनुचित एवं अवैध रूप से सम्पन्न करते हुए श्रीमती ज्योति धुर्वे के जाति प्रमाण पत्र को वैध मानकर छानबीन समिति द्वारा पारित आदेश दिनांक 1.4.2017 को निरस्त घोषित कर उन्हें पत्र जारी कर दिया गया जो कि सरासर गलत, अनुचित एवं अवैध कार्यवाही है। 

कांग्रेेस प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत सरकार से मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आग्रह किया है कि लोकतांत्रिक परम्पराओं के अनुरूप प्रजातांित्रक तरीके से संसदीय क्षेत्रों में जातियों के अनुरूप आरक्षण अनुसार प्रत्याशियों को चुनाव लड़ना होता है जबकि श्रीमती ज्योति धुर्वे द्वारा पिछड़े वर्ग की सदस्य होने के बावजूद भी अपने पति को जाति का आधार मानकर प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर एक सही पात्र आदिवासी का हक समाप्त किया गया और गलत तरीके से चुनाव लड़कर आदिवासी वर्ग के साथ धोखा-धड़ी की जिसकी पुष्टि मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित छानबीन समिति द्वारा कर दी गई लेकिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के दबाव में नियम विरूद्ध रिव्यू मीटिंग आयोजित कर फर्जी प्रमाण पत्र को वैध करने का अनुचित एवं अवैध कृत्य किया गया हैं जबकि शासन स्तर पर किसी प्रमाण पत्र के फर्जी पाए जाने पर सिर्फ और सिर्फ माननीय उच्च न्यायालय को ही उक्त संबंध में निर्णय लेने का अधिकार हैं । इसलिए बैतूल मध्यप्रदेश से भाजपा सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे के चुनाव को अयोग्य घोषित करते हुए उनकी सदस्यता समाप्त की जावे एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए सुरक्षित बैतूल संसदीय क्षेत्र का पुनः निर्वाचन कराया जावे जो कि आदिवासी वर्ग के हित में होते हुए न्यायोचित एवं न्यायहित में होगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र सौंपते समय प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी महामंत्री श्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी, प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया, रवि सक्सेना, श्रीमती विभा पटेल, दुर्गेश शर्मा, कांग्रेस अजजा विभाग के अध्यक्ष अजय शाह एवं अन्य कांग्रेसजन उपस्थित थे।

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