कहानियों में सिमटकर रह जाएंगी ममता बनर्जी: ज्योतिष | ASTRO

काल का पहिया समान गति से अपनी धुरी पर घूमता है। जितना ऊपर जाता है उतना नीचे भी जाता है। जो इस रहस्य को समझता है वही शांति पाता है। यह बात हर शिखर पुरुष पर लागू होती है। बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी भी उस शिखर व्यक्तित्व की तरह है जिन्होने अपने दम पर खुद का इतिहास लिखा। आज वे बंगाल की बेताज महारानी है। भारतीय राजनीति मे मुस्लिम तुष्टिकरण एक विशेष अंग की तरह है। एक तरह से वोट बेंक के लिये लगभग हर पार्टी ने इसका लाभ लिया। ममता बनर्जी भी अपने इस शस्त्र का भरपूर उपयोग कर रही है। लेकिन शायद उन्हे ये नही मालूम की समय की धार हर शस्त्र की धार को ख़त्म कर देती है। जो समय जिस रास्ते से जीवन देता है वही से मौत भी दिखाता है।

ममता बनर्जी की कुंडली
5 जनवरी 1955 को जन्मी ममता बनर्जी की कुंडली मकर लग्न तथा वृषभ राशि की है। सप्तम भाव मे मकर लग्न के लिये परम अकारक ग्रह गुरु ने उन्हे अविवाहित रखा तथा यही गुरु उन्हे बहुत हद तक अहंकारी भी बनाता है। उनकी पत्री मे लग्न का स्वामी शनि राज्य स्थान मे बैठकर प्रबल राज़योग तथा शश योग की सृष्टि कर रहा है। 2008 से उन्हे इस परम कारक शनि की दशा लगी जिसने उन्हे एकक्षत्र राज्य दिया। एक समय ऐसा भी आया की केन्द्र सरकार उनके इशारे पर चलती रही। अब उनका राज्य केवल बंगाल तक सीमित हो गय़ा।

शनि दशा की विशेषता
शनि महाराज की एक खास बात यह है की अपनी दशाकाल मे महाराज बेताज बादशाह बनाते है तो धूल चटाने की उनकी अदा भी बड़ी निराली रहती है। वो आदमी का पूरा अहंकार नष्ट करते है। आदमी सोचता है की चलो राज्य चला गय़ा अब क्या होगा मेरे साथ। लेकिन शनिदेव राज्य के साथ जो अहंकार आया है उसे भी मिट्टी मे मिलाते है।

उल्टा समय
2018 जून से ममता बनर्जी के इस अशुभ समय की शुरुआत होने वाली है। 2018 जून से 
2027 तक उनका अशुभ समय चलेगा। 2018 जून से 2021 तक काफी आरोप और बदनामी का सामना करना पड़ेगा उन्हे जेल भी जाना पढ़ सकता है।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184,7000460931

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