ASHOKNAGAR में HDFC BANK गार्ड ने किया नरसंहार, फिर सुसाइड कर लिया

ग्वालियर। अशोकनगर में एक बैंक गार्ड ने दिनदहाड़े एक जघन्य नरसंहार को अंजाम दिया। वो बंदूक लेकर आया और सबसे पहले अपनी पत्नी को गोली मार दी। फिर पड़ौस में रहने वाले एक युवक को तलाश किया और देखते ही गोली मार दी। बचाने आए उसके भाई को भी गोली मार दी। फिर बंदूक लहराते हुए इलाके मेें घूमता रहा। यह घटनाक्रम करीब एक घंटे तक चला। लोगों ने पुलिस को सूचना भी दी लेकिन पुलिस नहीं आई। इस बीच एक पत्रकार वहां पहुंच गया। गार्ड ने पत्रकार पर भी बंदूक तान दी। फिर कुछ सोचकर उसे छोड़ दिया। इसके बाद घर में गया और खुद को गोली मार ली। इस घटनाक्रम में 4 मौतें हुईं। 

घटनाक्रम पठार स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी का है। भरी दोपहर बैंक गार्ड लखन रघुवंशी बंदूक लेकर अपने घर आया। उसने सबसे पहले अपनी पत्नी को गोली मारी, इसके बाद उसी के मकान में रहने वाले विकास जैन को तलाशने लगा। लोगों ने पूछा तो उसने खुलकर बताया कि वो विकास की हत्या करना चाहता है। सड़क पर जैसे ही लखन को विकास दिखा, उसने फायर खोल दिया। गोली सीधे विकास को लगी और विकास ढेर हो गया। उसकी चीख सुनकर विकास का भाई संजय जैन मौके पर पहुंचा तो लखन रघुवंशी ने संजय को भी गोली मार दी। दोनों भाईयों ने सड़क पर तड़पते हुए दम तोड़ दिया। 

एक घंटे तक बंदूक लहराता रहा
इस दौरान लखन रघुवंशी ने कई लोगों पर बंदूक तानी। लोगों ने पुलिस को सूचना दी परंतु पुलिस नहीं आई। जबकि मीडियाकर्मी पहुंच गए। कवरेज कर रहे पत्रकार हितेंद्र बुधौलिया पर भी इस सनकी बैंक गार्ड ने बंदूक तान दी। करीब आधा से घंटे जायदा समय तक भरी बंदूक लेकर लखन मोहल्ले में मौत बनकर घूमता रहा। बाद में अपने घर के अंदर गया और खुद को गोली मार ली। 

पुलिस के खिलाफ आक्रोश
लोगों में पुलिस के खिलाफ काफी आक्रोश देखा गया। वो तो शुक्र है कि लखन ने आते जाते दूसरे लोगों को निशाना नहीं बनाया लेकिन जिस तरह से वो भरी हुई बंदूक से एक के बाद एक 3 हत्याएं कर चुका था। वो कुछ भी कर सकता था। कितनी भी हत्याएं हो सकतीं थीं। वो लगातार लोगों को निशाने पर ले रहा था लेकिन पुलिस मौके पर नहीं आई। जब एसपी घटनास्थल पर पहुंचे तो लोगों ने उन्हे खूब खरीखोटी सुनाई। 

मामला अवैध रिश्तों का तो नहीं
इस हत्याकांड का कारण क्या था फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है परंतु जिस तरह से लखन रघुवंशी ने पहले अपनी पत्नी को और फिर विकास जैन को तलाश करके मारा। यह तो स्पष्ट है कि वो इन दोनों को मारने की नियत से ही आया था। संजय जैन की मौत जरूर अचानक हुई। अब सवाल यह है कि ऐसा क्या था जो लखन रघुवंशी अपनी पत्नी और विकास को मारना चाहता था। 

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