कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 7% से घटाकर 4% करेगी शिवराज सरकार

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के वित सचिव ने 15 मई 2017 को एक आदेश जारी किया जिसमें प्रदेश के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 7 प्रतिशत की वृद्धि 1 जनवरी 2017 से की गई। उक्त आदेश मंत्री परिषद की बैठक के अनुमोदन के उपरांत जारी किया गया। मंत्रालय में यह चर्चा जोरों पर है कि अब सरकार 7 प्रतिशत के स्थान पर संशोधन कर मंहगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की वृद्धि करने जा रही है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि केन्द्र सरकार के वित विभाग ने 7 अप्रेल 2017 को केन्द्र सरकार के वे शासकीय सेवक जो 6वें वेतनमान में वेतन प्राप्त कर रहे है उन्हें 1 जनवरी 2017 से मंहगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की वृद्धि की जिससे उनका मंहगाई भत्ता 132 से बढाकर 136 प्रतिशत हुआ।  

मध्यप्रदेश सरकार केन्द्र सरकार जिस दर पर मंहगाई भत्ता देती है उसी दर पर प्रदेश के शासकीय सेवकों को मंहगाई भत्ता देती है। वित विभाग के अधिकारियों ने केन्द्र सरकार के आदेश को ताक पर रखकर अपनी मर्जी से प्रदेश के शासकीय सेवकों के मंहगाई भत्ते में 4 प्रतिशत के स्थान पर 7 प्रतिशत की वृद्धि कर दी। मंत्रालय में यह चर्चा जौरो पर है कि अब राज्य सरकार अपनी इस चूक को सुधार कर मंहगाई भत्ते की दर में संशोधन कर 7 प्रतिशत के स्थान पर 4 प्रतिशत करने जा रही है। 

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कहा कि सम्भवतः यह प्रथम अवसर है जब सरकार मंहागई भते में कमी कर रही है। उन्होने आरोप लगाया कि प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी किस तरह कार्य कर रही है यह उसका बड़ा उदाहरण है कि 4 प्रतिशत के स्थान पर 7 प्रतिशत का प्रस्ताव मंत्री परिषद को गया और वहां से अनुमोदित हो कर आदेश भी जारी हो गये पर किसी भी अधिकारी ने यह गलती को नही पकड़ा। यह एक बड़ी चूक है और इसके लिये दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही होनी चाहिये। यदि ऐसा नही हुआ तो सातवा वेतनमान निर्धारण संबंधी आदेश में भी बडी चूक हो सकती है। 

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