भारत की 41% बेनामी संपत्त्यिां मप्र/छग में: कालाधन का भंडार

नई दिल्ली। भारत में कालेधन और बेनामी संपत्तियों की खोज लगातार जारी है। अब तक एकत्रित हुए आंकड़ों के अनुसार देश की 41% बेनामी संपत्त्यिां अकेले मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में हैं। शेष 59% में देश के 2 दर्जन से ज्यादा राज्य शामिल हैं। इनमें उत्तरप्रदेश और बिहार जैसे राज्य भी हैं। वित्तमंत्रालय भारत सरकार के पास मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार देश में कुल 400 बेनामी संपत्तियों के रिकॉर्ड हाथ लगे हैं इनमें से 165 मप्र/छग में हैं। एक तरह से बेनामी संपत्ति के मामले में मध्यप्रदेश, देश का नंबर वन प्रदेश बन गया है। 

वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक देश भर में अब तक करीब 400 से ज्यादा बेनामी संपत्तियों के सौदों का पता चला है। यह जानकारी आयकर विभाग की पड़ताल में सामने आई है। जिसके बाद इन संपत्तियों की जांच कराई गई है, जिसमें इन लेनदेन गलत पाए गए है। जिसके आधार पर इन्हें बेनामी संपत्तियों की सूची में डाला गया है।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक अभी तक जो 400 से ज्यादा की बेनामी संपत्तियां मिली है, वह दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की है। इनमें जमीन के प्लाट, फ्लैट व ज्वेलरी जैसी संपत्तियां शामिल है। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने ऐसी सभी संपत्तियों को चिन्हित कर लिया है। साथ ही उनसे इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय को भी दी है। जो मौजदूा बेनामी संपत्ति कानून के तहत इन संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी में जुटा हुआ है।

बता दें कि नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्तियों और उनके जुड़े सौदों पर नकेल कसी है। जिसके तहत कानून को सख्ती से लागू किया गया है। साथ ही ऐसी संपत्तियों का पता लगाने के लिए देश भर में हाल ही में 24 बेनामी निषेध ईकाईयां स्थापित की है। जहां से ऐसी सपंत्तियों के खरीद-फरोख्त पर नजर रखी जा सकेगी।

400 बेनामी संपत्तियों में से 165 अकेले मप्र और छग में 
आयकर विभाग ने देश भर से जो 400 बेनामी संपत्तियों के सौदों को ट्रैक किया है, उनमें 165 अकेले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के है। जो एक बड़ी संख्या है। हालांकि विभगीय सूत्रों की मानें तो बाकी राज्यों में भी बड़े पैमाने पर ऐसे मामले मिले रहे है, जिनकी जांच की जा रही है।

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