मप्र भाजपा की नेतापुत्र मोर्चा में खींचतान जारी, 16 पदों के लिए 100 से ज्यादा दावेदार

भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा के युवा मोर्चा को भविष्य में नेतापुत्र मोर्चा पुकारा जा सकता है। राज्य के मंत्रियों से लेकर जिले के दिग्गज नेताओं तक के 100 से ज्यादा पुत्रों के नाम सशक्त दावेदारों की सूची में हैं। इनमें से मात्र 16 पदाधिकारियों का चुनाव होना है। कशमकश इतनी ज्यादा है कि कांग्रेस की तर्ज पर भाजपा ने भी सारी लिस्ट बनाकर हाईकमान को भेज दी है। अब दिल्ली तय करेगी किस नेता के पुत्र को क्या पद दिया जाना है। सबसे ज्यादा संघर्ष युवा मोर्चा के महामंत्री पद के लिए है। कुल 2 पदों के लिए गोपाल भार्गव के चिटफंड मामले में आरोपी पुत्र अभिषेक भार्गव, विवादित नेता एवं पूर्व मंत्री कमल पटेल के बेटे संदीप पटेल एवं पूर्व विधायक हरिचरण तिवारी के बेटे अंशुल तिवारी के बीच तनातनी चल रही है। अंशुल फिलहाल युवा मोर्चा भोपाल के जिलाध्यक्ष हैं। अब उनके पापा चाहते हैं कि वो प्रदेश के महामंत्री बनें। 

इन नेता पुत्रों के अलावा वर्तमान टीम में ग्वालियर के विवेक शर्मा, इंदौर के गौरव रणविजय व उज्जैन के भानू भदौरिया भी दावेदारों में आगे हैं। छतरपुर में दो बार मोर्चे के जिलाध्यक्ष रहे अरविंद पटैरिया और सागर में मोर्चे के दो बार जिलाध्यक्ष रहे गौरव सिरोठिया का नाम भी चर्चा में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान व संगठन महामंत्री सुहास भगत भी युवा मोर्चा में चल रहे घमासान को शांत कराने का कोई रास्ता अब तक खोज नहीं पाए हैं। बहाने बनाकर कार्यकारिणी को अब तक टाला जाता रहा है। 

मोर्चे की टीम में दो महामंत्री, छह उपाध्यक्ष व इतने ही मंत्री, एक कोषाध्यक्ष व एक प्रदेश कार्यालय मंत्री होता है। बताया जा रहा है कि पांडे इस बार जिलाध्यक्षों को प्रमोट करके प्रदेश की टीम में लाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि युवा मोर्चा को छोड़कर भाजपा के तमाम मोर्चे (महिला, किसान, पिछड़ावर्ग, अजा व जजा) की टीम घोषित हो चुकी है। सात माह पहले पांडे ने युवा टीम की कमान संभाली थी, लेकिन खींचतान के कारण अभी तक पदाधिकारी घोषित नहीं कर पाए। पुरानी टीम के साथ ही तमाम बड़े कार्यक्रम कर रहे हैं।

हाईकमान ने जो नाम सौंपे उनमें अंडर 35 होगी टीम
केंद्रीय भाजपा की गाइड लाइन पर मप्र में सख्ती से अमल होने की तैयारी है। प्रदेश हाईकमान को जितने भी नाम सौंपे गए हैं, उनकी उम्र अधिकतम 35 है। चूंकि टीम तीन वर्ष के लिए बननी है तो यह भी देखा जा रहा है कि ज्यादातर लोग 32 या 33 वर्ष के हों।

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