पढ़िए 10th के टॉपर ने अपनी ही मां को क्यों मारा: देश के सबसे चर्चित हत्याकांड की कहानी

नई दिल्ली। राजस्थान के जोधपुर में शीना बोरा हत्याकांड की जांच कर रहे इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर गनोरे की पत्नी की बीते रोज हत्या कर दी गई। यह हत्या उनके अपने बेटे ने की थी। 10वीं में टॉप करने वाले बेटे सिद्धांत ने हत्या करने के बाद जो कुछ किया वो भी चौंकाने वाला था परंतु हत्या से पहले क्या कुछ हुआ उसकी कहानी खुद सिद्धांत ने बताई। 

मां की रोक-टोक से तंग आ गया था
सिद्धांत गनोरे काफी इंटेलीजेंट था। 10वीं में उसे 90% मार्क्स मिले थे। 10वीं तक वह पुणे के हॉस्टल में पढ़ा। सिद्धांत ने बताया कि जब वह 10वीं में था तब पिता ने उसकी मां को एलएलएम करने लंदन भेजा। पढ़ाई करके लौटी मां ने कुछ वक्त तक कोर्ट में प्रैक्टिस की फिर काम छोड़ दिया। मां दिन में कम से कम 50 बार पापा को फोन करती थी। उसे शक था कि उनका किसी के साथ अफेयर है। सिद्धांत ने कहा कि मां उसे भी कई-कई बार फोन करती थी। उसे फेसबुक-वाट्सऐप का इस्तेमाल नहीं करने देती थी। पैसा नहीं देती थी। दिनभर पढ़ाई के बारे में पूछती रहती थी। इंजीनियरिंग के सेकंड सेमेस्टर में वह फेल हुआ तो मां ने उसका एडमिशन बीएससी में करवा दिया था। इन्हीं बातों से तंग आकर उसने मां का कत्ल कर दिया।

मां के खून से फर्स पर लिखा 'कैच-मी एंड हैंग-मी', फोटो खींचकर पिता को भेजा
सिद्धांत ने मंगलवार रात अपनी मां दीपाली की हत्या कर उसके खून से फर्श पर पिता के लिए मैसेज लिखा- 'कैच-मी एंड हैंग-मी' नीचे स्माइली भी बनाई थी। उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ करके वहीं छोड़ दिया था, ताकि उसकी लोकेशन पता न चल सके।  रात को करीब 8 बजे वह घर से निकला। उसने पहले लोकल ट्रेन पकड़ी, फिर सूरत जाने वाली ट्रेन में बैठ गया। देर रात वह सूरत पहुंच गया। वहां कुछ घंटे बिताने के बाद वह एक और ट्रेन पकड़कर जोधपुर आ गया। यहां उसने स्टेशन के सामने ध्रुव होटल में कमरा लिया और सो गया।


वारदात वाले दिन क्या हुआ? 
सिद्धांत के पिता और मां दोनों दिनभर बाहर रहते थे। मंगलवार को दीपाली ने पति को फोन कर बताया कि, वह शाम को फिल्म देखकर रात तक घर लौटेगी। सिद्धांत के पिता भी 9 बजे तक ही घर आने वाले थे। मां करीब 8 बजे घर आ गई और आते ही सिद्धांत से बीएससी की मार्कशीट दिखाने की जिद पर अड़ गई। सिद्धांत ने बताया कि उसने इस बार एग्जाम ही नहीं दिया था तो मार्कशीट कहां से दिखाता? वह कमरे में गया और चाकू से हाथ की नस काट कर सुसाइड करने की कोशिश करने लगा। इससे पहले उसने अपने पिता को फोन लगाने की कोशिश भी की, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। इसके बाद उसने इरादा बदल दिया और उसी चाकू से मां पर 6 बार वार किया। इस हमले में घायल दीपाली जमीन पर गिर गई और मौके पर ही दम तोड़ दिया।

इस तरह हत्यारोपी तक पहुंची पुलिस 
पुलिस ने सबसे पहले उसके घर से निकलने का सीसीटीवी फुटेज देखा। टाइमिंग का अनुमान लगाकर बस स्टैंड-रेलवे स्टेशन के फुटेज खंगाले। इससे पता चला कि वह सूरत जाने वाली ट्रेन में बैठा है। क्राइम ब्रांच ने सूरत स्टेशन के फुटेज देखे तो वह जोधपुर की ट्रेन में बैठता दिख गया। जोधपुर के पुलिस कमिश्नरेट में कॉन्टैक्ट किया गया और स्टेशन के आस-पास की होटलों की तलाशी लेने को कहा गया। वाट्सएेप पर सिद्धांत का फोटो भी भेज दिया गया था। जोधपुर पुलिस फोटो लेकर होटलों का हर कमरा तलाशने लगी। दोपहर तक सिद्धांत पकड़ में भी आ गया।

2 लाख रुपए लेकर भागा
मां की हत्या के बाद सिद्धांत ने घर में रखे 2 लाख रुपए बैग में भर लिए थे। यह पैसे उसने मां को अलमारी में रखते देख लिया था। पुलिस की पूछताछ में उसने कहा कि, "वह हर दिशा में भागना चाहता था इसलिए जो भी ट्रेन मिल रही थी, उस दिशा में चला जा रहा था। उदयमंदिर पुलिस स्टेशन इंचार्ज मदनलाल बेनीवाल ने बताया कि बैग की तलाशी में रुपए भी मिल गए हैं।

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