केरल सौम्या मर्डर केस : सुप्रीम कोर्ट में 6 जजों की बेंच क्यूरेटिव पीटिशन पर सुनवाई करेगी

नई दिल्‍ली: केरल के चर्चित सौम्या केस में 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट की 6 जजों की बेंच केरल सरकार की क्यूरेटिव पीटिशन पर सुनवाई करेगी. केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल कर दोषी गोविंदसामी को फांसी की सजा देने की मांग की है. सरकार का कहना है कि सौम्या की हत्या के चार्ज भी दोषी पर लगाए जाने चाहिए, भले ही उसके खिलाफ कोई सीधे सबूत ना हों.

इस याचिका पर CJI जेएस खेहर, जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस पीसी पंत और जस्टिस यूयू ललित की बेंच चेंबर में सुनवाई करेगी. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर चुका है, जिसमें जजमेंट की आलोचना करने पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू को कोर्ट में जिरह के लिए तलब किया गया और फिर अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया गया.

हालांकि बाद में जस्टिस काटजू ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली थी. सितंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल के चर्चित सौम्या रेप व मर्डर केस में दोषी गोविन्दाचामी की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था. कोर्ट ने उसे सिर्फ रेप का दोषी माना, जबकि सबूतों के अभाव में गोविन्दचामी को हत्या का दोषी नहीं माना गया. सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से पूछा था कि इस बात के सबूत हैं कि गोविन्दचामी ने ही सौम्या को ट्रेन से फेंका था.. अभियोजन पक्ष कोई जवाब नहीं दे पाया.

सौम्या कोच्चि के एक सुपर मार्किट में असिस्टेंट थी और सगाई के लिए घर लौट रही थी... इसी दौरान उसके साथ वारदात हुई. त्रिशूर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गोविन्दचामी को फांसी की सजा सुनाई थी. जनवरी 2014 में केरल हाईकोर्ट ने इसे बरकरार रखा. गोविन्दचामी ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस पीसी पंत और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने सबूतों की कमी के चलते गोविन्दचामी को मर्डर केस में बरी कर दिया था. फैसले पर सौम्या की मां ने कहा कि ये न्याय व्यवस्था की हार है. बेटी को इंसाफ नहीं मिला.

उल्‍लेखनीय है कि एक फरवरी 2011 को 23 साल की सौम्या पैसेंजर ट्रेन से शोरनुर जा रही थी. सौम्या महिलाओं के डिब्बे में अकेली थी. गोविन्दचामी भी महिलाओं के डिब्बे में चढ़ा और उसने सौम्या के साथ लूटपाट की. जब सौम्या ने विरोध किया तो गोविन्दचामी ने उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया. फिर खुद भी ट्रेन से कूद गया और सौम्या के साथ बलात्कार किया. अगले दिन रेलवे ट्रैक के किनारे सौम्या जख्मी हालत में मिली थी. 6 फरवरी को इलाज के दौरान त्रिशूर के अस्पताल में उसकी मौत हो गई. गोविन्दचामी तमिलनाडु का रहने वाला है. वह आदतन अपराधी है. 2004 से 2008 के बीच वह आठ मामलों में दोषी साबित हो चुका है.

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