एक साथ ना करें शिरडी और शनि शिगणापुर की यात्रा, नुक्सान होगा | Religious tourism

आमतौर पर ये देखने मे आता है की जब लोग धार्मिक यात्रा का कार्यक्रम बनाते है उसमे ऐसी गलती कर देते है जो उनके लिये भारी साबित होती है। बाद मे लोग भगवान को दोष देते है कि धर्म करते ही तकलीफ हो गई। लेकिन यदि हम इसका ज्योतिषी विश्लेषण करेंगे तो हमे हमारी गलती समझ मे आ जायेगी। ऐसी ही बहुत बड़ी गलती होती है जब हम शिरडी जाते है और वहा से शनि सिंग्नापुर भी होकर आते है। आप बोलेंगे इसमे गलत क्या है ऊपरी तौर पर हमे इसमे कोई गलती नही दिखती लेकिन ज्योतिषी दृष्टिकोण से देखे तो हमे इन दो स्थानों की यात्रा एक साथ न करने का रहस्य समझ आता है।

शिरडी गुरु स्थान सिंग्नापुर शनि क्षेत्र
शिरडी पूरी तरह से गुरु स्थान है। इस स्थान मे जो भी व्यक्ति जाता है उसका गुरु बलवान हो जाता है। यदि आपकी पत्री मे गुरु अशुभ भावों का स्वामी है तो आपको शिरडी मे आकर अशुभ परिणाम भी मिल सकते है। मानलो आपकी तुला, वृषभ या मकर राशि है इन राशि मे गुरु रोग, ऋण, विपत्ति तथा जटिल स्थानों का स्वामी होता है। फलस्वरूप शिरडी की यात्रा इन लोगों को अशुभ परिणाम दे सकती है। इन लोगो का शनि ग्रह शुभ होता है ये लोग शिरडी के जगह शनि सिँग्नापुर की यात्रा कर अच्छी सफलता पाते है लेकिन शिरडी यात्रा इन लोगों के लिये कष्टकारी होती है।

शनि और गुरु का आपसी सम्बन्ध
शनि की मकर राशि गुरु की नीच राशि है इस राशि मे जाकर गुरु अपना अशुभ परिणाम देता है। लेकिन शनि गुरु की राशि धनु और मीन मे जाकर शुभ परिणाम देता है। इसीलिये मेष, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु तथा मीन राशि वाले यदि शिरडी जाते है तो वहा से सीधे घर वापस आ जायें। यदि वे शनि क्षेत्र जाते है तो शिरडी मे बलवान हुआ गुरु शनि क्षेत्र मे जाते ही नीच राशि के परिणाम देगा और यदि आपको शनि पत्री मे हानिकारक है तो कोई बड़ी दैवीय विपदा भी आ सकती है।

शनि प्रधान लोग न करें शिरडी यात्रा
जिनकी तुला राशि मकर राशि या लग्न हो तथा गुरु रोग तथा विपत्ति स्थान का स्वामी होकर बलवान हो तो शनि क्षेत्र की यात्रा के बाद भूलकर भी शिरडी यात्रा ना करें अन्यथा आपको कानूनी परेशानी, रोग बीमारी घेर सकती है।

शिरडी और शनियात्रा का परिणाम
शिरडी गुरु का स्थान है जिसका रंग पीला होता है। शनि सिंग्नापुर शनि का क्षेत्र है इसका रंग नीला होता है। इसको मिलाने से काला चितकबरा रंग जो की राहु केतु का होता है वह बन जाता है। फलस्वरूप देखने मे आता है की शिरडी से लौटते समय दुर्घटना हो जाती है या कोई नुकसान हो जाता है। यह सब इस तरह के मिश्रण से ही होता है। यह ध्यान रखना ज़रूरी है की हर व्यक्ति हर जगह न यदि जायें भी तो किसी ज्योतिष की सलाह अवश्य ले।

विशेष सलाह
शिरडी के साइँ बाबा साक्षात गुरु शिरोमणि है। उनका स्मरण हर तरह से कल्याणकारी है लेकिन उपरोक्त सलाह से आप यात्रा करेंगे तो आपकी यात्रा शुभ होगी तथा कोई ये नही कहेगा की होम करते हाथ जल गया।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184
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