PWD CHHATARPUR: हंगामा हुआ तो 15 टेंडर निरस्त, मामला अब भी गर्म

राम कुमार/छतरपुर। लोक निर्माण विभाग के इंटेलीजेंट कार्यपालन यंत्री को आखिरकार मजबूरी में टेंडर निरस्त करने पड़े। बीते रोज प्रदेश स्तर एवं जिले के सभी समाचार पत्रों ने समाचार प्रकाशित किया था कि  कार्यपालन यंत्री एवं टेंडर लिपिक की मिली भगत से शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगा या गया है। समाचार छपने के बाद यह मामला प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री एवं प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल के पास तक पहुंचा और आनन फानन में पीडब्ल्यूडी के ईई प्रमोद श्रीवास्तव को अपने द्वारा स्वीकृत किए गए टेंडरों में से 15 टेंडर निरस्त करने पड़े। 

गौरतलब हो कि पीडब्ल्यूडी के ईई प्रमोद श्रीवास्तव ने अपने बयानों में कहा था कि यह सभी टेंडर नियमानुसार और सही खोले गए हैं। परंतु ऊपर से कार्यवाही होने पर उन्हें मजबूरी में यह टेँडर खोलने पड़े। ठेकेदारों को लाभान्वित करने के चक्कर में उन्हें यह खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। एक ठेकेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी निरस्त होना चाहिए। जब 15 टेंडर नियम विरुद्ध तरीके से खोले गए थे और उन्हें निरस्त किया गया। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस टेंडर प्रक्रिया में लंबा घोटाला हुआ है और नए सिरे से टेंडर खुलने चाहिए। 

एक सामान कार्य के टेंडर अधिक और कम रेट पर कैसे खुले। यह सवाल उठाता है कि कहीं न कहीं अधिकारी की मिली भगत से ऐसा हुआ है। फिलहाल इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के ईई प्रमोद श्रीवास्त्व से दूरभाष पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि मैंने 15 टेंडर निरस्त कर दिए हैं और उन्होंने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। 

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