ज्ञान सिंह के सामने बेबस शिवराज: बेटे को जिताया अब MINISTER भी बनाएंगे !

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यूं तो मप्र के सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं परंतु अपने ही एक मंत्री के सामने इतने बेबस कि भाजपा के सिद्धांतों को ताक पर रखकर पहले तो मंत्री के बेटे को विधानसभा उपचुनाव का टिकट दिया। फिर खुद गली गली प्रचार करके जिताया। अब मंत्री भी बनाएंगे। जी हां, यहां बात शहडोल के सांसद और मप्र विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद भी मंत्रालय पर कब्जा कायम रखने वाले मंत्री ज्ञान सिंह की हो रही है। 

शहडोल लोकसभा का उपचुनाव जीतने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वहां विकास की गंगा ही नहीं बहाई बल्कि अपने और भाजपा के सिद्धांत भी गिरवीं रखे। मंत्री ज्ञान सिंह को यहां से टिकट दिलाया और खुद पूरी ताकत लगाकर जिताया। सांसद बनने के बाद ज्ञान सिंह ने विधायक पद से तो इस्तीफा दे दिया परंतु मंत्रीपद से इस्तीफा नहीं दिया। ज्ञान सिंह की शर्त थी कि वो अपनी सीट तभी छोड़ेंगे जब उनकी रिक्त विधानसभा सीट से उनके बेटे को टिकट दिया जाएगा। परिवारवाद का कट्टर विरोध करने वाली भाजपा ने ज्ञान सिंह के सामने घुटने टेके और ना केवल वचन दिया बल्कि बांधवगढ़ उपचुनाव जिताकर भी दिया। 

अब बेटे को विधायक बनाने की जिद पूरी होने के बाद भी इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं हैं। अब उन्होंने नई शर्त शिवराज के सामने रख दी है। बीजेपी सूत्रों की मानें तो उन्होंने कहा है कि अब उनके बेटे को मंत्री पद से नवाजा जाए, तब ही वो इस्तीफा देंगे। हालांकि बीजेपी उनकी नई शर्त को लेकर मुंह खोलने को तैयार नहीं है, लेकिन इस नई परेशानी का हल ढूंढ़ने में बीजेपी को पसीना आ रहा है। क्योंकि कई विधायक ऐसे हैं, जो कई बार चुनाव जीतने के बाद भी मंत्री नहीं बन पाए हैं और शिव नारायण सिंह के पहली बार चुनाव जीतने पर उनके पिता ने मंत्री बनाने की जिद पकड़ ली है।

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