LIC की INVESTMENT POLICY को लेकर हाईकोर्ट में याचिका | INSURANCE

मुंबई। भारतीय जीवन बीमा निगम(एलआईसी) में निवेश करने वाले लोगों को शायद पता नहीं होगा कि उनके पैसे का क्‍या होता है? पर एलआईसी में लोगों के निवेश किए गए पैसे से आईटीसी कंपनी सिगरेट बनाने का काम भी करती है। पर अब बॉम्‍बे हाईकोर्ट इस बात का निर्णय करेगा कि एलआईसी को अपने पैसे का निवेश आईटीसी में करना चाहिए या नहीं। 

टाटा ट्रस्‍ट के ट्रस्टीज आर वेंकटरमणन और लक्ष्मण सेतुरामन के साथ पांच अन्य लोगों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में केंद्र सरकार, भारतीय बीमा विकास एवं नियामक प्राधिकरण (आईआरडी) और पांच सरकारी जीवन बीमा कंपनियों के खिलाफ खिलाफ जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। इस याचिका में सरकारी कंपनियों के आईटीसी और ‌वीएसटी इंडस्ट्रीज में निवेश पर सवाल उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि इन कंपनियों में किया गया निवेश भारत सरकार के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तंबाकू विरोधी रुख के खिलाफ है। 

आपको बताते चलें कि इन दोनों कंपनियों के 1.03 लाख करोड़ के शेयर हैं। सरकारी कंपनियों के पास हैं शेयर चार सरकारी बीमा कंपनियों और स्पेशिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ द यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के पास आईटीसी के 30.25 फीसदी शेयर हैं। एलआईसी के पास कंपनी के 16.29 फीसदी और सूटी के पास 9.10 फीसदी शेयर हैं। सरकार ने 7 फरवरी को आईटीसी में सूटी के जरिए रखी गई दो फीसदी हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर 6,700 करोड़ रुपए जुटाए थे। पीआईएल जाने-माने वकील माजिद मेमन के बेटे जुल्फीकार मेमन और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सात लोगों की तरफ से दायर की है। 

पीआईएल दाखिल करने वालों में डॉक्‍टर भी शामिल पीआईएल दाखिल करनेवालों में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सतीश पेडनेकर की पत्‍नी सुमित्रा पेडनेकर, टाटा मेमोरियल अस्‍पताल के सर्जन पंकज चतुर्वेदी, सोसाइटी ऑफ एजुकेशन, एक्शन एंड रिसर्च इन कम्युनिटी हेल्थ के डायरेक्टर अभय बांग, महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य और एनजीओ नो टबैको एसोसिएशन के चेयरमैन आशीष देशमुख और हीलिस सेखशरिया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के निदेशक पी सी गुप्ता के नाम हैं। वेंकटरमणन टाटा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी हैं और वो कई जनता के लिए चलाए जा रहे स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम को देखते हैं।
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