नीतीश कुमार ने LEAK करवाए थे लालू की कथित बेनामी प्रॉपर्टी के पेपर्स ?

पटना। बिहार की राजनीति में एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह सवाल सरकार की जड़े हिला सकता है। बीजेपी ने दावा किया है कि लालू प्रसाद यादव की कथित बेनामी प्रॉपर्टी के पेपर्स सीएम नीतीश कुमार के एक करीबी ने पार्टी को उपलब्ध कराए थे। इसी के आधार पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पिछले दिनों कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरजेडी चीफ लालू को एक्सपोज करने का दावा किया। अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी की ओर से जो दावा किया गया है वो सही है। यदि हां तो क्या नीतीश कुमार ने ही ये पेपर्स लीक करवाए थे। बता दें कि पिछले दिनों लालू यादव समर्थकों ने बिहार में सीएम बदलने की बात की थी। 

विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने इस मामले को लेकर एक नया खुलासा किया है। प्रेम कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया से फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि फिलहाल वे (बीजेपी) सरकार में नहीं हैं। सरकारी फाइलों तक पार्टी की पहुंच नहीं है। उन्होंने दावा किया कि लालू पर निशाना साधने के लिए जेडीयू के इनसाइडर ने उनकी मदद की है।

पिछले दिनों मीडिया के सामने कुछ दस्तावेजों के आधार पर सुशील मोदी ने लालू की कथित बेनामी संपत्ति को लेकर खुलासा करने का दावा किया था। सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि लालू के परिवार की एक फर्म में हिस्सेदारी है। यह फर्म पटना के सगुना मोड़ पर 200 करोड़ रुपये की कीमत की जमीन का मालिकाना हक रखती है। सुशील मोदी के दावे के मुताबिक उस जमीन पर 500 करोड़ रुपये की लागत से एक मॉल बन रहा है।

सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि एक फर्म ने 2005 में यह जमीन राबड़ी देवी को गिफ्ट की थी। आरोपों के मुताबिक लालू के रेलमंत्री के कार्यकाल के दौरान फर्म को रेलवे के दो होटलों की लीज देकर उपकृत भी किया गया था। मोदी के आरोपों के मुताबिक बिहार में शराब फैक्ट्री लगाने में मदद करने के एवज में भी लालू परिवार को फर्म ने जमीन का एक टुकड़ा दिया था।

अब इस मामले में बीजेपी ने नीतीश के सहयोगी का एक नया ऐंगल डाला है। हालांकि प्रेम कुमार ने उस सहयोगी का नाम नहीं बताया जिसने लालू के खिलाफ कथित तौर पर दस्तावेज दिए। उधर, जेडीयू ने बीजेपी के इस दावे को आधारहीन बताया है।

हालांकि यह मामला केवल बेनामी डील से ही जुड़ा नहीं है बल्कि विधानसभा चुनावों के दौरान लालू के दोनों बेटों के हलफनामे में ऐसी किसी फर्म और करोड़ों की जमीन के मालिकाना हक का जिक्र भी नहीं किया गया है। इससे पहले लालू सारे आरोपों का खंडन कर चुके हैं। पिछले दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरजेडी सुप्रीमो ने बताया कि वह जमीन राबड़ी ने डिलाइट मार्केटिंग को. प्राइवेट लिमिटेड में अपने शेयर बेचने के बाद हासिल की थी।

लालू ने दावा किया है कि उनके दोनों बेटों ने इनकम टैक्स भरा है और कानून का पालन किया है। हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी जांच में पाया है कि 2015 में विधानसभा चुनावों के दौरान तेजस्वी और तेजप्रताप यादव ने जो हलफनामा दाखिल किया है उसमें न तो डिलाइट का जिक्र है और न ही नाम बदलने के बाद बने लारा प्रॉजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का।

नीतीश सरकार ने 2010 में ही सभी मंत्रियों के लिए हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी देने को अनिवार्य बना दिया था। इसके बावजूद 2016-17 में तेजस्वी और तेजप्रताप की तरफ से दी गई संपत्ति की जानकारी में न तो डिलाइट का जिक्र है और न ही लारा का।

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