मोदी सरकार ने घर में रखे सोने पर लगाया टैक्स | GOLD TAX

मोदी सरकार ने आपके घर में रखे सोने पर टैक्स लगा दिया है। यह कुछ इस तरह चुपके से लगाया गया कि आपको पता भी नहीं चला और टैक्स भी लग गया। यह टैक्स 3 से 5 प्रतिशत तक हो सकता है। यह टैक्स उस समय लगेगा जब आप अपने घर में रखा गोल्ड गलाने या बेचने के लिए बाजार में आएंगे। ज्वैलर्स आपको टैक्स काटकर पैसे देगा। भारत में गोल्ड एक ​निवेश विकल्प तो होता ही है, इसका धार्मिक महत्व भी होता है। रीति रिवाजों में शगुन के तौर पर गोल्ड दिया जाता है। महिलाएं अपने पुराने गहने गलाकर बहू के लिए नए डिजाइन के गहने बनवातीं हैं। लेकिन अब ऐसा किया तो टैक्स लगेगा। 

अब तक पुराने सोने से नयी ज्वेलरी बनाने या उसे ठोस रूप में हासिल करने के एवज में कोई टैक्स चुकाना नहीं पड़ता था। जीएसटी में सरकार ने इसे भी टैक्स के दायरे में ला दिया है। इसके तहत अब पुराने सोने को गलाने पर तीन से पांच पर्सेंट टैक्स चुकाना पड़ेगा। यानी आप पुराने सोने को बेचने या गलाने भी जा रहे हैं तो आपको जीएसटी चुकाना पड़ेगा। 

भोपाल सराफा एसोसिएशन के प्रवक्ता नवनीत अग्रवाल ने इसे उदाहरण देते हुए इन शब्दों में समझाया:
एक तोला की कीमत यदि 30 हजार रुपए मानी जाए। 
इसके लिए अभी 150 रुपए प्रति ग्राम की दर से राशि चुकानी होती है। 
इस तरह एक तोले के सोने के जेवरात बनाने पर 1500 रुपए का मेकिंग चार्ज लगता है। 
जीएसटी के प्रावधान के अंतर्गत 5 पर्सेंट टैक्स लगने पर इसके लिए 1575 रुपए अतिरिक्त देने पड़ेंगे। याने 1500 की जगह कुल 3075 रुपए चुकाने होंगे। 

आर्थिक मामलों के जानकार आलोक ठक्कर बताते हैं कि सरकार का यह फैसला केवल पुराने सोने से ज्वेलरी बनाने तक ही सीमित नहीं होगा। यदि कोई मुसीबत के वक्त अपना पुराना सोना बेचना चाहेगा तो भी उसे जीएसटी के तहत टैक्स चुकाना होगा। जबकि वो खरीदते समय भी टैक्स अदा कर चुका है। इससे बाजार में कालाबाजारी बढ़ने की आशंका को भी खारिज नहीं किया जा सकता। 

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