4 जगहों से संचालित किया जा रहा खंड शिक्षा अधिकारी अनूपपुर का कार्यालय

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय अनूपपुर में खंड शिक्षा अधिकारी की पदस्थापना शासन स्तर से शहडोल उप लोकसभा चुनाव के पूर्व माह नवम्बर 2017 में जे.पी.नापित की कि गई। लेकिन पदस्थापना से लेकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी को आज दिनांक तक आहरण संवितरण के कार्यो का अधिकार नही दिया गया, वर्तमान समय में आहरण संवितरण के कार्यो का अधिकार बीईओ के पदस्थ होने के बावजूद शासकीय उच्च.माध्यमिक विद्यालय निगवानी के व्यख्यता को दिया गया है, जो विगत चार वर्षो से अनूपपुर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय तथा सहायक संचालक कार्यालय में संलग्र है।

चार जगहो से संचालित होता अनूपपुर बीईओ कार्यालय
खंड शिक्षा अधिकारी का मुख्य कार्यालय तहसील अनूपपुर में संचालित है, बावजूद इसके मुख्य कार्यालय में कार्यो का संचालन छोड सभी कार्य कन्या हाई स्कूल बदरा, जिला पंचायत अध्यापक प्रकोष्ठ तथा सहायक आयुक्त कार्यालय से किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का संपूर्ण कार्य, वेतन व देयको का भुगतान कन्या हाई स्कूल में पदस्थ संविदा लिपिक राजेन्द्र सिंह द्वारा अनूपपुर विकासखंड अंतर्गत आने वाले सभी संकुल का बिल बनाकर जिला पंचायत में लिपिक के पद पर अटैच अध्यापक संवर्ग के दो शिक्षक लल्लू कहार तथा संजय तिवारी के पास लाते है, जिनके द्वारा सभी बिल व देयको के भुगतान का बिल जिला कोषालय में प्रस्तुत करते है। जबकि शिक्षक लल्लू कहार देवगवां छात्रावास के अधीक्षक सहित शिक्षक तथा संजय तिवारी कन्या हाई स्कूल बदरा में पदस्थ है। जिन्हे जिला पंचायत में लिपिक के रूप में अटैच किया गया है।

एक विकासखंड में दो बीईओ
जिला पंचायत व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा शासन के निर्देशो की लगातार अव्हेलना की जा रही है। जिले में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निगवानी में पदस्थ व्यख्याता शिरीष श्रीवास्तव विगत चार वर्षो से बीईओ अनूपपुर सहित सहायक संचालक कार्यालय में अटैच किया गया है। जिसके कारण निगवानी विद्यालय के बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। वहीं खंड शिक्षा अधिकारी अनूपपुर जे.पी.श्रीवास्तव की पदस्थापना के बाद आज दिनांक तक उन्हे आहरण संवितरण के कार्यो का अधिकार नही सौपा गया। जानकारी के अनुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निगवानी में पदस्थ व्यख्यता शिरीष श्रीवास्तव व उनकी पत्नी श्रीमती दिव्या श्रीवास्तव पदस्थ रही है, जिसके बाद श्रीमती दिव्या श्रीवास्तव का प्रमोशन हो जाने के बाद उन्हे मेडियारास माध्यमिक विद्यालय का प्राचार्य बनाया गया, तभी से व्यख्याता शिरीष श्रीवास्तव जिला मुख्यालय में बीईओ अनूपपुर तथा सहायक संचालक के पद पर अटैच है।

कहीं वित्तीय अनियमितता का तो इशारा नही
नवम्बर 2016 में बीईओ अनूपपुर जे.पी.नापित की पदस्थाना होने के बावजूद उन्हे आहरण संवितरण का अधिकार 6 माह से व्याख्यता शिरीष श्रीवास्तव के पास ही है। आखिर शासन स्तर से पदस्थ विकासखंड शिक्षा अधिकारी को जिला प्रशासन द्वारा क्यो नाकारा जा रहा है जिसका काररण अब तक पता नही चल सका। वहीं माह फरवरी 2017 में बीईओ (व्याख्यता निगवानी) शिरीष श्रीवास्तव द्वारा अपने विद्यालय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निगवानी के 10 से 12 कर्मचारियो का वेतन दो बार आहरित कर लिया गया। ऐसे ही एक मामले में इसके पहले भी अतिथि शिक्षिको, अध्यापको का वेतन किसी के नाम से किसी के पास बुक में, बिना किसी अतिथि शिक्षक के पदस्थापना पर फर्जी खाता नंबर पर 45 लाख रूपए आहरित किया जा चुका है। जिसकी जांच अब तक चल रही है।

इनका कहना है
पूरे मामले की जानकारी ली जाएगी कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय अनूपपुर में किन-किन के द्वारा कार्य किया जा रहा है, नियमानुसार जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
के.व्ही.एस. चतुर्वेदी, जिला पंचायत सीईओ अनूपपुर

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