या तो VVPAT चालू करो या बिना EVM के चुनाव कराएं: राज्यसभा में हंगामा

नई दिल्ली। राज्यसभा में चुनावों के दौरान वोटिंग के लिए EVM की उपयोगिता पर लंबी बहस हुई। इसी के साथ यह भी बताया गया कि अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड और जापान जैसे देशों में भी EVM से वोटिंग नहीं होती, फिर भारत में क्यों। EVM टेम्परिंग की संभावनाओं पर जोर देते हुए सांसदों ने कहा कि या तो वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल यानी VVPAT चालू किया जाना चाहिए या EVM बंद कर दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2013 में VVPAT चालू करने के आदेश दिए थे परंतु सरकार ने खर्चे के नाम पर इसे चालू नहीं किया। 
बुधवार को इलेक्शन के मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा हुई। EVM टेम्परिंग का मुद्दा उठा। इसी दौरान सांसदों ने मांग रखी कि EVM के साथ VVPAT का इस्तेमाल भी किया जाए। इससे ये साबित हो सकेगा कि वोटर ने जो वोट दिया है, वो उसी कैंडिडेट को गया है, जिसे उसने वास्तव में वोट किया है। लेक्टोरल रिफॉर्म्स का मुद्दा भी उठा। कुछ सांसदों ने चिंता जताई कि कई पार्टियां बहुत ज्यादा खर्च करती हैं। एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर हायर किए जाते हैं।

सरकार ने क्यों नहीं दिया इलेक्शन कमीशन के लेटर्स का जवाब
कांग्रेस नेता और लीडर ऑफ अपोजिशन गुलाम नबी आजाद ने कहा- इलेक्शन कमीशन ने सरकार को 11 लेटर्स लिखे। पीएम को भी मैसेज किया। कमीशन चाहता था कि VVPAT का इस्तेमाल किया जाए लेकिन सरकार ने जवाब ही नहीं दिया। इसलिए, सवाल और शक सामने आ रहे हैं। ईवीएम का इस्तेमाल तो ब्रिटेन, जर्मनी और इटली जैसे डेवलप्ड देश भी नहीं करते। बीजेपी के सांसदों ने कहा- फिर तो पंजाब में भी चुनाव बिना ईवीएम के होने चाहिए। इस पर आजाद ने कहा- हम तैयार हैं। लेकिन, आपको भी यूपी में यही करना होगा। आजाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ही VVPAT के इस्तेमाल का ऑर्डर दिया था। उस वक्त इस पर खर्च 3100 करोड़ रुपए बताया गया था।

टीएमसी ने कहा- खर्च पर नजर हो
चर्चा की शुरुआत करते हुए टीएमसी के मुकुल रॉय ने कहा- इलेक्शन के दौरान रैलियों और नेताओं के एयर ट्रांसपोर्टेशन का ऑडिट होना चाहिए और उसे संसद के सामने पेश किया जाना चाहिए। राय ने एक और अहम सुझाव में कहा- चुनाव सरकारी खर्च पर होना चाहिए। क्योंकि, इसके बिना बड़ी और ज्यादा पैसे वाली पार्टियां का ही दबदबा रहता है। बीजेपी के भूपेंद्र यादव ने कहा- हमने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने का सुझाव रखा है। इलेक्शन प्रोसेस की वजह से एक राज्य करीब एक साल तक प्रभावित होता है। उन्होंने ई-वोटिंग को अपनाने पर भी जोर दिया।

हाथी पर वोट दिया तो कमल को कैसे गया?
सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के इलेक्शन एक साथ नहीं कराए जा सकते क्योंकि इलेक्टोरल सिस्टम में कई खामियां हैं। उन्होंने कहा कि जो ईवीएम बनाते हैं, और अगर डील हो जाती है तो अगर आपने हाथी का बटन दबाया तब भी वोट कमल को ही जाएगा। सीपीआईएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि अगर इलेक्टोरल रिफॉर्म करने हैं तो सबसे पहले पार्टियों की कॉर्पोरेट फंडिंग बंद होनी चाहिए। इसकी बजाए सरकारी खर्च पर चुनाव कराए जाने चाहिए। और ये काम इलेक्शन कमीशन को करना चाहिए। उन्होंने VVPAT के इस्तेमाल का समर्थन किया।

बीएसपी ने कहा- बैलेट पेपर से ही हो इलेक्शन
बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड और जापान जैसे देश ईवीएम के इस्तेमाल को बंद कर चुके हैं। फिर भारत में उनका इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? अगर एक फीसदी भी शक की गुंजाइश है तो हमारी पार्टी यही डिमांड करेगी कि पेपर बैलेट का ही इस्तेमाल किया जाए। मिश्रा ने कहा- गोवा इलेक्शन में VVPAT का इस्तेमाल हुआ। वहां बीजेपी 21 से 13 सीटों पर सिमट गई।

क्या है VVPAT? और क्या फायदा होता है इससे
इलेक्शन कमीशन ने 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त से EVM में बटन दबाने के बाद वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की शुरुआत की थी। अभी 100% पोलिंग बूथ पर इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर पर ट्रांसपेरेंसी के लिए ईवीएम में तीसरी यूनिट VVPAT भी जोड़ी है। VVPAT से फायदा यह है कि जब भी वोटर बटन दबाता है तो ईवीएम के पास रखी मशीन से एक स्लिप निकलती है। एटीएम की तर्ज पर यह पर्ची निकलती है। इस पर प्रिंट रहता है कि वोट किसे गया। इसे बैलेट बाक्स में रख लिया जाता है। ये बॉक्स आयोग के पास होते हैं। इस तरह वोटर आश्वस्त हो जाता है कि उसका वोट दर्ज हो गया है।

इस बार पूरे गोवा, पंजाब की 20 और यूपी की 30 सीटों पर इस टेक्नीक के साथ चुनाव हुआ है। अब चुनाव आयोग ट्रांसपेरेंसी को साबित करने के लिए इन पर्चियों की गिनती करा सकता है। केजरीवाल ने भी VVPAT पर भरोसा जताया है। उन्होंने मांग की है कि पंजाब में जिन जगहों पर VVPAT का इस्तेमाल हुआ है, वहां के वोटों के ट्रेन्ड की बाकी जगहों के वोटों की तुलना करके देखा जाए। 2019 के लोकसभा चुनाव में ट्रांसपेरेंसी के लिए VVPAT टेक्निक को जोड़ा जाएगा।

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