UP में YOGI क्या करें और क्या न करें कि UPYOGI हो जाएं

राकेश दुबे@प्रतिदिन। उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री बनने के बाद योगी आदित्य नाथ उन लोगों के निशाने पर आ गये है, जिम्हे सिर्फ कमी ही दिखाई देती है। मुख्यमंत्री यह करे यह न करें। जैसे लोग सक्रिय हो गये है। उत्तरप्रदेश सरकार के भीतर और बाहर दोनों ही ओर से सलाहें आने लगी हैं। सलाह तक तो कोई बात ठीक है, पर जब उस पर अमल होने लगे तो कहीं न कहीं ये तत्व गड़बड़ाने लगते है , जो सरकार को स्थिरता देते हैं। जैसे बंटवारे के दो दिन बाद पांच मंत्रियों के कार्य में बदलाव किया जाना है। स्वामी प्रसाद मौर्य से नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग वापस लेकर सुरेश खन्ना को सौंपा है। जबकि हज और वक्फ का जिम्मा लक्ष्मी नारायण को सौंपा गया है, दो दिन पहले के बंटवारे में इस विभाग के मंत्री का जिम्मा किसी को नहीं दिया गया था।

मुख्यमंत्री की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को राज्यपाल राम नाईक की मंजूरी मिलने के बाद विभागों में बदलाव की अधिसूचना जारी हो गई है। मुख्यमंत्री ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विभागों में से नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग वापस लेकर उन्हें अपने विभागों में समन्वय विभाग दे दिया है। इससे स्वामी के पास अब श्रम, सेवायोजन के साथ समन्वय विभाग भी हो गया है। स्वामी से वापस लिया गया नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग मंत्री सुरेश खन्ना को सौंपा गया है। सुरेश खन्ना के पास संसदीय  कार्य विभाग ही रहेगा। वैसे तो यह मुख्य मंत्री का अधिकार है। परन्तु इसे राजनीतिक हल्के ने आपसी असंतोष की तरह लिया और मुख्य मंत्री को रायचन्दों ने कमजोर लिखना शुरू कर दिया।

ठीक ऐसे ही मुख्यमंत्री का एसिड अटैक से पीड़ित महिला को देखने जाने को विषय बना दिया गया। बीते नौ साल में चार बार हमले, एसिड अटैक और गैंगरेप का शिकार हुई एक महिला से सीएम योगी आदित्य नाथ ने मुलाकात की। विषय बना कर खड़ा कर दिया गया। मुख्यमंत्री के ट्विट से पहले की पहचान उजागर हो गई, जैसे सवाल उठाये जाने लगे। अगर न जाते तो सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप लगता। गए तो ये यह सवाल और उस पर बे वजह का बवाल। उक्त महिला लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है। वह गुरुवार सुबह रायबरेली के ऊंचाहार से लखनऊ से आ रही थी जब उसे पैसेंजर ट्रेन में जबर्दस्ती तेजाब पिलाने की कोशिश की गई। 

आदित्य नाथ शुक्रवार सुबह महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के साथ इस विक्टिम से मिलने पहुंचे। उन्होंने हर मुमकिन मदद देने का भरोसा दिया। एक लाख रुपए का चेक भी दिया। लेकिन सवाल सीएम के ट्विटर हैंडल पर रेप विक्टिम की पहचान उजागर हो गई, खड़ा किये जाने की कोशिश की जा रही है। उनके अकाउंट से महिला का फोटो क्यों ट्वीट हो गया? राय चन्दों की अपनी दुनिया है, जिसका एक मात्र कायदा आलोचना है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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