SIRAJ ABDEALI: व्यापमं हो या मर्डर मिस्ट्री, हर मामले में पुलिस का परमानेंट गवाह

इंदौर। कविता रैना हत्याकांड हो या चर्चित व्यापमं घोटाला। सभी बड़े और गंभीर मामलों में सिराज अब्देअली नामक फर्जी गवाह का नाम सामने आया है। वह अभी तक सैकड़ों मामलों में गवाही दे चुका है। इसका ज्यादातर वक्त कोर्ट और थानों में गुजरता है। कई मामलों में पुलिस खुद सेटिंग कर बयान बदलवा देती है। जिन मामलों में सेटिंग नहीं होती उनके खिलाफ बयान भी करवा देती है।

सिराज अब्देअली वह शख्स है जिसे सिपाही से लेकर कोर्ट कर्मचारी भी पहचानते हैं। सैंकड़ों केसों में गवाह बन चुका सिराज कुछ दिनों पूर्व कविता रैना हत्याकांड में गवाही देने कोर्ट पहुंचा तो वकील दंग रह गए कि आखिर पुलिस का परमानेंट गवाह इस गंभीर मामले में कैसे शामिल हो गया। केस डायरी में उसका नाम तीन जगह दर्ज था। सिराज अमूमन रुपए लेकर गवाही से पलट जाता है लेकिन जिस मामले में सेटिंग नहीं होती उसमें खिलाफ भी बयान देता है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। पुलिस खुद लेकर आई और रटे-रटाए बयान करवाए।

पुलिस ने बताया कविता के हत्यारे महेश बैरागी ने नौलखा पार्किंग में एक्टिवा रखी थी। इसमें सिराज को चश्मदीद गवाह बताया। इसके बाद तीन अलग-अलग तारीखों पर किराया चिट्ठी जब्त करना दर्शाई। ताज्जुब इस बात का है कि सभी में सिराज को गवाह बनाया गया।

व्यापमं घोटाले में भी सिराज गवाह
राजेंद्र नगर थाने में अ.क्र.539/13 में भी सिराज गवाह है। जांच में शामिल दो टीआई-दो एसआई 18 अप्रैल को मुख्य आरोपी नितिन महिंद्रा से हार्ड डिस्क जब्त करने रवाना हुए। मेमोरंडम पर सिराज और राहुल मराठा को गवाह बनाया गया। राहुल सिराज का साथी है और सिराज की तरह वह भी पॉकेट गवाह है।

ऐसे चलता है गवाही का धंधा
सिराज राजेंद्र नगर, जूनी इंदौर और चंदन नगर थाने का 'पॉकेट' गवाह है। कई मामलों में सिराज को खुद पता नहीं रहता कि उसे केस में गवाह बना दिया। कोर्ट से समंस और वारंट जारी होने पर वह आरोपी-फरियादी से मिलता है। कोर्ट के बाहर सेटिंग हो गई तो बयान पलट देता है। सेटिंग नहीं हुई तो उनके खिलाफ बयान देता है। रेट भी केस के हिसाब से तय हैं। अवैध हथियार और अवैध शराब के मामले में 500 और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर केस में 50 हजार तक वसूल लेता है।

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