ऐसा कोई यंत्र नहीं है, जिसकी मदद से यह देख सकें कि सरकार के दिमाग में क्या चल रहा है: Shyam Benegal

मुंबई: बेनेगल की समिति ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस बारे में एक रिपोर्ट भेजी थी. बेनेगल ने उस समिति की अध्यक्षता की जिसे विवादों में घिरे सेंसर बोर्ड के कामकाज पर पुनर्विचार करने के लिए गठित किया गया था. केंद्रीय फिल्म निर्माणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी हैं.समिति ने सेंसर बोर्ड के कामकाजों को संपूर्णता से देखा और अपनी रिपोर्ट पिछले साल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेज दी थी.फिल्मनिर्माता श्याम बेनेगल इस बात से अनभिज्ञ हैं कि केंद्रीय फिल्म निर्माणन बोर्ड के नए दिशा-निर्देशों  को लागू करने में देरी क्यों हो रही है. 

रिपोर्ट की स्थिति के बारे में बेनेगल ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई यंत्र नहीं है, जिसकी मदद से वह यह देख सकें कि सरकार के दिमाग में क्या चल रहा है. पिछले साल के अंत में उन्होंने यह सुना था कि यह रिपोर्ट सरकार को स्वीकार है.

उन्होंने बेनेगल ‘सेंसरशिप वोज: मीडिया एंड एंटरटेनमेंट्स बैटल अगेंस्ट थाउसेंड्स कट्स’ के सत्र में कल शाम कहा, ‘‘मैंने मंत्रालय में इसकी स्थिति जानने के लिए फोन किया था लेकिन वहां से पता चला कि अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं हो पाया है. मुझे नहीं पता कि वहां क्या चल रहा है.’’ फिल्मनिर्माता का मानना है कि अगर सरकार को यह रिपोर्ट पसंद नहीं आई तो प्राधिकारियों को इस बारे में पहले बताना चाहिए था

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