आतंकी रेल धमाका: अब मप्र पुलिस ने भी SHIVRAJ SINGH का दावा झुठलाया

BHOPAL | भोपाल-उज्जैन ट्रेन में हुए विस्फोट के बाद बिना हकीकत जाने बयान जारी करने का काफी सिलसिला चला। पहले पुलिस ने कहा मोबाइल फटा है। फिर गृहमंत्री ने कहा आतंकी हमला है। सीएम शिवराज सिंह ने दावा किया कि इसमें अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन आईएस आईएस का हाथ है। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि आतंकियों ने रेल में बम फिट करके उसकी फोटो सीरिया भेजी थी। यूपी पुलिस ने इस दावे को सिरे से खाजिर किया। अब मप्र पुलिस ने भी स्पष्ट कर दिया कि वैसा कुछ नहीं था जैसा सीएम शिवराज सिंह ने बताया था। 

राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर ने कहा कि पकड़े गए संदिग्धों से आईएस आईएस का सीधा नाता स्थापित होना अभी बाकी है। देउस्कर ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, “पकड़े गए संदिग्धों ने आईएस आईएस की विचारधारा से प्रभावित होकर कार्रवाई (विस्फोट) को अंजाम दिया है। आईएस आईएस का कोई व्यक्ति जो सीरिया में लड़ाई लड़ रहा है, उससे इनका संपर्क है या नहीं है, इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है। 

पकड़े गए संदिग्धों द्वारा विस्फोट से पहले तस्वीरें सीरिया भेजे जाने के सवाल पर देउस्कर ने कहा, “संदिग्धों ने यह बताया है कि उन्होंने तस्वीरें सीरिया भेजी थीं, लेकिन उसका हैंडलर वास्तव में सीरिया में था या नहीं, उसकी लंबी जांच चलेगी, उसके बाद ही स्थापित हो पाएगा कि वह कहां था। यह कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी कि हैंडलर वहां था, क्योंकि अभी इलेक्ट्रॉनिक हैंडलर का पकड़ा जाना बाकी है।”

उन्होंने कहा कि तस्वीरें सीरिया भेजने की बातें संदिग्धों ने कही है। इसका इलेक्ट्रॉनिक इन्वेस्टीगेशन होगा, क्योंकि उसमें कई जांच एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा। संदिग्ध जो कह रहे हैं, उसे पुलिस स्वीकार कर ले, यह कोई जरूरी नहीं है। संदिग्धों को आर्थिक मदद की बात भी सामने आ रही है। इस पर देउस्कर का कहना है कि संदिग्धों को आर्थिक मदद की जो बात है, उसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनी ट्रांसफर का कोई तथ्य अभी सामने नहीं आया है।

उत्तर प्रदेश में पकड़े गए संदिग्धों और मप्र में पकड़े गए संदिग्धों के बीच रिश्तों की बात पर देउस्कर ने कहा कि दोनों स्थानों पर पकड़े गए संदिग्ध एक ही कड़ी के माने जा सकते हैं। राज्य में इनका अन्य कोई साथी नहीं मिला है। पकड़े गए तीन में से एक दानिश पूर्व में राज्य में रह चुका है।

भोपाल से उज्जैन जा रही पैसेंजर गाड़ी की ऊपरी सीट पर बम रखे जाने का ब्यौरा देते हुए देउस्कर ने कहा कि संदिग्धों ने जो बम रखा था, वह कम तीव्रता का था। उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से बम ऊपर की सीट पर रखा था, क्योंकि नीचे रखना आसान नहीं होता। पुलिस को मौके से पाइप बम के जो टुकड़े मिले हैं, उस पर ‘आईएस’ लिखा हुआ है। पकड़े गए संदिग्ध ट्रेन विस्फोट के बाद क्या और भी विस्फोट कर सकते थे, इस सवाल पर देउस्कर ने कहा, “पकड़े गए संदिग्ध आईएसआईएस के माड्यूल से प्रभावित थे और आईएसआईएस की जो विचारधारा है, उसके अनुसार एक से अधिक भी घटनाएं करते। यह सही है कि अगर ये छूटे रहते तो और भी घटनाएं कर सकते थे।”

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में जिन आतंकवादियों ने विस्फोट के लिए पाइप बम रखे थे, उनका नाता आईएसआईएस से है, इसके साक्ष्य मिले हैं। इनके पास से जो विस्फोटक मिला है, उसमें आईएस का जिक्र है। इन आतंकवादियों ने पाइप बम की फोटो भी अपने मोबाइल के जरिए सीरिया भेजी थी। एक तरफ मुख्यमंत्री चौहान संदिग्धों के आईएसआईएस से जुड़े होने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर राज्य की पुलिस सीधे तौर पर संदिग्धों का नाता आईएसआईएस से होने की बात को स्वीकार करने से हिचक रही है।

ज्ञात हो कि भोपाल से उज्जैन जाने वाली 59320 पैसेंजर ट्रेन में मंगलवार सुबह हुए विस्फोट में 10 यात्री घायल हो गए। कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने तीनों आरोपियों को बस से यात्रा करते समय होशंगाबाद जिले के पिपरिया में पकड़ लिया था।

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