फर्स्ट हाफ में ही बोर किया ''Phillauri'' ने

'लाई ऑफ पाई' जैसी फिल्म के बाद सूरज शर्मा ने 'फिल्लौरी' में बेहतरीन एक्टिंग की है। पहली बार भूतनी के किरदार में अनुष्का शर्मा भी जची हैं। जबकि पिछली फिल्मों से हटके दिलजीत दोसांझ इसमें सिंगर और कवि के रूप में नजर आए। उनकी और अनुष्का की जोड़ी आपको स्क्रीन पर रिफ्रेशिंग लगेगी।फिल्म की कहानी शुरू होती है NRI कनन (सूरज शर्मा) से, जो अनु (मेहरीन पीरजादा) से शादी करने इंडिया आता है। सगाई से पहले उसे पता चलता है कि वह मांगलिक है। इस वजह से परिवार वाले जबरदस्ती उनकी एक पीपल के पेड़ से शादी करवा देते हैं और पेड़ काट देते हैं।

कहानी में ट्वीट्स तक आता है जब सगाई के दिन शशि (अनुष्का शर्मा) का भूत कनन के पीछे पड़ जाता है। पेड़ के साथ फेरे लेने के दौरान उसकी और कनन की शादी हो जाती है। शशि का भूत सिर्फ कनन को नजर आता है और उसे डराता है। वैसे, शशि का भूत कनन को क्यों परेशान करता है? उसकी शादी को क्यों अड़ंगा डालता है? कनन कैसे खुद को शशि से बचा पाएगा? यह जानने के लिए आपको थिएटर का रूख करना पड़ेगा।

'फिल्लौरी' के जरिए अनशई लाल डायरेक्शन में डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म में उन्होंने बेहतरीन कहानी को शानदार लोकेशन्स के साथ शूट किया है। लेकिन इसकी कहानी इतने धीरे चलते है कि यह आपको फर्स्ट हाफ में ही बोर कर देगी। इसमें दो स्टोरीज एक साथ चलती है, इस वजह से ऑडियंस थोड़ा भटका हुआ महसूस कर सकता है। फिल्म को स्पीड अप कर बेहतर बनाया जा सकता था।

''फिल्लौरी' में आपको नयापन देखने को मिलेगा। लेकिन इसकी स्लो-स्पीड और बिखरी हुई स्टोरी आपको बोर कर सकती है। फिर में अनुष्का की बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए फिल्म को एक बार देखा जा सकता 
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