MP में 'गाय का मांस' वाली किताब ब्लैकलिस्ट, विधानसभा में हुआ था हंगामा

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने एक किताब में गौमांस का जिक्र होने पर बुधवार को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इस किताब में दावा किया गया था कि ‘गौंड’ शब्द का अर्थ गौंडी भाषा में ‘गाय मारने वाला’ या ‘गाय का मांस खाने वाला’ होता है। उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने बताया, ‘हमने इस किताब को ब्लैकलिस्ट कर दिया और कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कॉलेज ने इस किताब को पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होने के बावजूद खरीदा है।’ उन्होंने किताब के लेखक पर कार्रवाई और किताब पर बैन लागने की बात से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘यह हमारा काम नहीं है।’ मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लेखक हरीश कुमार खत्री और प्रकाशक को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।

महाराष्ट्र के रहने वाले 37 वर्षीय खत्री ने कहा कि किताब में विवादित पैरा साल 2013 के एडिशन में आया था, लेकिन बाद में इसके दूसरे एडिशन में इस पैरा को हटा दिया गया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने साल 2013 के एडिशन की कॉपियां, जितना संभव था, उतनी बदल दी थीं। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा लग रहा है कि मैंने किसी की हत्या कर दी है। मेरी जिंदगी को खतरा है, मैं डरा हुआ हूं।’

उन्होंने बताया कि उन्हें पिछले महीने में उन्हें मांडला जिले में एक पुलिस स्टेशन में बुलाया गया था। साथ ही उन्होंने बताया, ‘मैंने हाथ जोड़कर कुछ लोगों से माफी मांगी थी और पुलिस को भी लिखित में माफी लिखकर दी थी। सब कुछ ठीक था लेकिन इस एक लाइन में मेरी जिंदगी बरबाद कर दी।’ खत्री का कहना है कि उन्होंने 20 किताबें लिखी हैं। उन्होंने साथ ही बताया कि 2013 के एडिशन की 300 कॉपियां बिकी थी। हमने जो कॉपियां वापस मंगवाई थी, उन्हें जला दिया था।

विपक्ष के नेता अजय सिंह द्वारा सदन में मामला उठाए जाने के बाद सरकार ने यह कार्रवाई की। सिंह ने कहा था कि यह गौंड जनजाति का अपमान है। सिंह ने कहा था, किताब ‘भारत का भूगोल’ पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के बीच बांटी गई थी। जब सिंह ने सदन में यह विवादित पैरा पढ़ा था तो कांग्रेस विधायकों ने शेम-शेम के नारे लगाए थे। सिंह ने खत्री के खिलाफ कार्रवी की मांग की थी।

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