एक होटल का वेटर MP का अधिमान्य पत्रकार और फिल्म फाइनेंसर कैसे बन गया ?

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को राज्य के जनसंपर्क विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य में एक ऐसी कंपनी को करोड़ों रुपये का काम दिए जा रहा है, जिसका मालिक कभी होटल में नौकर हुआ करता था और अधिमान्यता पाकर आधे किराए पर यात्रा करने वाला एक पत्रकार मुंबई में फिल्मों का फाइनेंसर हो गया है। उनका इशारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले की तरफ था। कांग्रेस के इन आरोपों का जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया। 

विधानसभा में जनसंपर्क विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि जनसंर्पक विभाग का लगातार बजट बढ़ता जा रहा है और प्रचार-प्रसार में करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं। यह काम जनसंपर्क विभाग के अधीन आने वाले 'माध्यम' (विभाग की शाखा) से किया जाता है, मगर बिचौलिए छोड़ दिए गए हैं। इसी के चलते एक होटल में कभी नौकर रहा व्यक्ति महज पांच साल में एक कंपनी का मालिक बन गया। उसे बड़े आयोजनों के इवेंट मैनेजमेंट के तौर पर करोड़ों के काम दिए जा रहे हैं। यह सब जनता की कमाई को लूटने के चलते हुआ है। इस पर रोक लगाई जाए।

उन्होंने आगे कहा कि एक व्यक्ति मुरैना जिले से प्रकाशित होने वाले अखबार का अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हुआ करता था और इस अधिमान्यता के कार्ड के आधार पर आधे किराए (रियायत के चलते) पर यात्रा करता था, आज वह फिल्मों का फाइनेंस हो गया है। मंत्री इन लूट करने वालों से प्रदेश को बचाएं। 

कांग्रेस विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों का जनसंपर्क मंत्री मिश्रा ने सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया। कांग्रेस विधायक सिंह ने कहा कि जब सरकार फंसने लगती है, तो जवाब नहीं दिया जाता, अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार से फिल्म फाइनेंसर बना व्यक्ति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साला है, लिहाजा जवाब कौन देगा? 

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