LT GREAD टीचरों की भर्ती: सरकार का कोर्ट में यूटर्न, याचिका निस्तारित

इलाहाबाद। उत्तरप्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में 9342 एलटी ग्रेड टीचरों की भर्ती के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिका पर अखिलेश सिंह सरकार ने यूटर्न ले लिया। इसी के साथ वह शिकायत अपने आप समाप्त हो गई जो याचिकाकर्ता ने याचिका में दर्ज की थी। अत: हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है।

याचिका में बताया गया था कि सरकार कक्षा 6 से 10 तक के लिए टीचर्स की भर्ती में बिना टीईटी पास अभ्यर्थियों को भी शामिल कर रही है। इस आशय का विज्ञापन जारी किया गया है। राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि कक्षा 6 से 8 तक की भर्ती 21 दिसंबर 2016 के विज्ञापन से नहीं की जायेगी। इन कक्षाओं के अध्यापक की नियुक्ति के लिए टीईटी अनिवार्य है। 

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि केवल कक्षा 9 व 10 के अध्यापकों की ही भर्ती की जाएगी, जिसमें टीईटी अनिवार्य नहीं है। सरकारी अधिवक्ता के बयान के बाद कोर्ट ने बिना कोई निर्देश जारी किये याचिका निस्तारित कर दी और कहा कि सरकार ने स्वयं ही कहा है कि कक्षा 6 से 8 तक के सहायक अध्यापकों की इस विज्ञापन से भर्ती नहीं की जाएगी।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने संभल जिले के मुहम्मद तसलीम व अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सीमान्त सिंह ने बहस की।

इनका कहना था कि अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 की धारा 2 (एन) के तहत कक्षा एक से 8 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापक की नियुक्ति के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य है। साथ ही नियम 8(1) में भी ऐसी ही व्यवस्था है। 21 दिसंबर, 2016 के विज्ञापन में कक्षा 6 से 10 तक के टीजीटी धारकों को एलटी ग्रेड टीचर बिना टीईटी के भर्ती की जा रही है, जो 2009 के अधिनियम के विपरीत है। याचिका में भर्ती विज्ञापन को रद करने की मांग की गई थी। जब सरकार ने स्वयं ही बिना टीईटी के कक्षा 6 से 8 तक की भर्ती न करने का आश्वासन दिया तो कोर्ट ने याचिका इसी आधार पर निस्तारित कर दी।

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