LIFE में SUCCESS होना है तो बुध ग्रह को प्रसन्न रखें

जैसा की बुध ग्रह का नाम है वैसा ही उसका काम है। प्राणी मात्र मॆ बुद्धि से जुड़े सारे काम बुध ग्रह से ही किये जाते है। बुध ग्रह के जन्म से जुड़ी कथा है की देवगुरु वरहस्पति की पत्नी तारा का हरण चंद्र ने किया था जब तारा वापस आई तो उसने बुध ग्रह कॊ जन्म दिया यह एक सांकेतिक कथा है इसका अर्थ यह है की मन हमेशा गुरु द्वारा ज्ञान लेता है कई बार कोई व्यक्ति चुपके से किसी का हुनर सीख लेता है इसी कॊ बुद्धि कहते है। 

किसी भी चीज़ की नक़ल उतारना बुध ग्रह का ही काम है किसी कॊ गुरु दक्षिणा दिये बगैर कोई हुनर चोरी करने के काम कॊ ही बुद्धि कहते हैं। जिसे शास्त्रों मॆ कथा के रूप मॆ समझाया है। इस ग्रह मॆ गुरु का ज्ञान तथा मन की भावनाओ दोनो का समावेश है।

बुध ग्रह से उत्तम व्यापार
समयानुसार उचित निर्णय लेना तथा हमेशा कम घाटा तथा अधिक लाभ पाना ये बुध ग्रह की निशानी है सफल व्यापारियों की पत्रिका मॆ बुध ग्रह अच्छी स्थिति मॆ होता है। 

देवी पूजा तथा कन्या
घर मॆ कन्या बहन तथा बुआ बुध ग्रह से ही देखी जाती है। देवी पूजा के विषय मॆ भी बुध ग्रह से ही विचार किया जाता है।जो लोग देवी की उपासना करते है उनका बुध ग्रह तथा बुद्धि उत्तम रहती है।

बुध ग्रह तथा पितृ दोष
काल पुरुष का ऋण बुध ग्रह से ही देखा जाता है। ऋण की राशि कन्या जो की बुध ग्रह की राशि है इससे व्यक्ति के ऋण का विचार किया जाता है पितृ दोष का कारक राहु बुध की कन्या राशी मॆ स्वग्रही तथा मिथुन राशि मॆ उच्च का होता है। सनातन धर्म मॆ कन्या (बेटी) कॊ पिता का ऋण ही माना जाता है। जो व्यक्ति बहन बुआ बेटी कॊ देते रहते है तथा जिन पर इन तीनों की कृपा होती है उनका काल भी कुछ नही बिगाड़ सकता।

बुध से जुड़े व्यवसाय
शिक्षण, वित्तीय कार्य, बेँकिँग क्षेत्र, स्वतंत्र व्यापार, तेजी मंदी, सट्टा, शेयर मार्केट, पत्रकारिता, लेखन आदि के कार्य बुध ग्रह से ही देखे जाते है।

बुध ग्रह के उपाय
नवरात्रि व्रत तथा कन्या भोजन बुध ग्रह कॊ अच्छा करने के उपाय है। किसी कन्या की शादी मॆ सहयोग करने से भी बुधग्रह उत्तम होता है। किसी अच्छे ज्योतिष से परामर्श कर पन्ना रत्न धारण करने से भी व्यक्ति की बुद्धि उत्तम होती है।
ज्योतिष के अनुसार किन्नर, बुध ग्रह के प्रतीक होते हैं। इन्हें प्रसन्न कर बुध ग्रह को शांत किया जा सकता है। इन्हें दिए जाने वाले दान का संबंध स्वयं बुध ग्रह की प्रसन्नता से है।

गायत्री मंत्र
महामंत्र गायत्री मॆ जातक की बुद्धि कॊ अच्छा करने की प्रार्थना की गई है क्योंकि यदि बुद्धि अच्छी होगी तो व्यक्ति सदमार्ग मॆ जायेगा तथा यही बुद्धि यदि कूमार्ग मॆ चली जाय तो आदमी का सत्यानाश हो जाता है।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184

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