सुप्रीम कोर्ट का आदेश INEFFECTIVE: शराब की दुकानें नहीं हटाई, सड़कों की श्रेणी बदल डाली

चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब बिक्री पर रोक के आदेश का तोड़ निकाल लिया है। स्थानीय प्रशासन ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से प्रदेश के सभी नेशनल हाईवे को प्रमुख जिला रोड (मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड) घोषित कर दिया है। इस फैसले के बाद यहां नेशनल हाईवे के किनारे स्थित शराब दुकानें भी बंद नहीं करनी पड़ेंगी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना भी नहीं होगी। 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने 15 दिसंबर 2016 को केंद्र और सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया था कि नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब बिक्री का लाइसेंस न दिया जाए। आदेश के अनुसार जिन दुकानों के पास पहले से शराब बिक्री के लाइसेंस हैं, उनके लाइसेंस 31 मार्च 2017 के बाद रीन्यू नहीं होंगे। 1 अप्रैल 2017 से किसी भी हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब नहीं बिकेगी।

हर साल डेढ़ लाख से अधिक मौतें
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश भारत में हर साल सड़क हादसे से होने वाली 1.5 लाख मौतों को देखते हुए दिया है। अदालत ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस निदेशक को आदेश के पालन की निगरानी का आदेश दिया है।

एनजीओ की याचिका पर आया था अहम फैसला
अराइव सेफ नामक एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उत्पादन कानून में संशोधन की मांग की थी। एनजीओ का तर्क था कि भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीछे शराब पीकर गाड़ी चलाना एक बड़ी वजह है।

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