मुंबई। नागपुर मेडिकल कॉलेज में हड़ताल कर रहे 301 रेजिडेंट डॉक्टर्स को डीन ने सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल को पागलपन बताते हुए हॉस्पिटल मैनेजमेंट को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बता दें कि अय्रंगाबाद और धुले में डॉक्टरों पर हुए हमले के खिलाफ मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में तीन दिन से डॉक्टर्स सामूहिक अवकाश पर हैं। सरकारी अस्पतालों के करीब 75% रेजिडेंट डॉक्टर्स के सामूहिक अवकाश पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई।
कोर्ट ने कहा- मारपीट से डर लगता है तो नौकरी छोड़ दें.
कोर्ट ने कहा, "हम डॉक्टर्स से सामान्य फैक्ट्री कर्मचारी जैसे बर्ताव की उम्मीद नहीं करते। अगर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आते तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए। चीफ जस्टिस मंजूला चिल्लूर व जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की बेंच ने कहा कि डॉक्टर्स को मारपीट से डर लगता है, तो वे नौकरी छोड़ दें। डॉक्टर्स को विरोध का अधिकार है, लेकिन इस तरह से मरीजों को बेसहारा छोड़कर अपनी मांग मनवाने की जिद नहीं कर सकते। एक समय था जब डॉक्टर आधी रात को नदी पार करके इलाज के लिए जाते थे। मौजूदा समय में डॉक्टरों की हड़ताल उनके पेशे को गंदा करती है।
डॉक्टर्स की हड़ताल को कोर्ट की अवमानना मानने की बात कहते हुए कार्रवाई के संकेत भी दिए गए। सामूहिक अवकाश की वजह से महाराष्ट्र के करीब 17 अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा, इनमें 4 मुंबई के हैं।
हड़ताल से पीछे हटने को तैयार नहीं डॉक्टर
सामूहिक अवकाश पर गए रेजिडेंट डॉक्टर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (मार्ड) ने मंगलवार को कहा था कि डॉक्टरों पर हमले बढ़ रहे हैं।सरकार ने अब तक जो आश्वासन दिए हैं उन्हें पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। सरकार व महानगरपालिका प्रतिनिधियों के साथ पिछले एक साल में इस मुद्दे पर कई बैठकें हुईं। हमें लिखित व मौखिक आश्वासन भी दिए गए, लेकिन इससे आगे कुछ नहीं हुआ।
मरीज हो रहे परेशान
डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीजों परेशान हो रहे हैं।मरीजों का कहना है कि डॉक्टर अपने कर्तव्य से मुंह चुरा रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। सायन के सरकारी अस्पताल में पत्नी को लेकर पहुंचे कामरान ने बताया कि उनकी वाइफ कुछ दिन पहले घर में ही जल गई थी, लेकिन अब तक उसका कोई इलाज नहीं हो सका है। कामरान ने कहा कि इलाज के लिए उन्हें गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।