GUPTA NURSING HOME में इलाज के नाम पर ठगी का आरोप

GWALIOR | तीस हजार रुपए लेकर गर्भपात किया। साथ ही कभी भी मां नहीं बन पाने की बात बताई। ऑपरेशन के दो महीने बाद पेट में दर्द होने पर अल्ट्रासाउंड कराया तो 16 माह का गर्भ होने का पता लगा। मुरार थाने पहुंचे दम्पति ने गुप्ता नर्सिंग होम की संचालिका डॉ. प्रीति गुप्ता पर इलाज के नाम पर ठगी करने का आरोप लगाया है। दम्पति ने मुरार थाना पुलिस को डॉक्टर के खिलाफ लिखित शिकायत कर ठगी का मामला दर्ज करने की मांग की है। पुलिस ने शिकायत को जांच में ले लिया है।

डबरा के इकहरा गांव निवासी काजल पत्नी रघुवीर सिंह जाटव ने मुरार थाने में गुप्ता नर्सिंग होम की संचालक डॉ. प्रीति गुप्ता के खिलाफ लिखित शिकायत करते हुए बताया है कि 1 नवंबर 2016 को पत्नी को पेट में दर्द होने पर उन्होंने डबरा में डॉ. रमा मोदी को दिखाया था। उन्होंने पेट का अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी।

3 नवंबर 2016 को डबरा स्थित अंकुर अल्ट्रासाउंड पर अल्ट्रासाउंड कराया। रिपोर्ट डॉ. मोदी को दिखाई तो उन्होंने ग्वालियर में समाधान डायग्नोसिस सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। 4 नवंबर को वहां अल्ट्रासाउंड कराया। इसमें जुड़वा बच्चे होने की बात सामने आई। एक बच्चा पेट और दूसरा किसी नस में होने की बात डॉक्टर ने बताई। इसके बाद उन्होंने मुरार कन्या विद्यालय के पास गुप्ता नर्सिंग होम की संचालक डॉ. प्रीति गुप्ता पर रिपोर्ट दिखाई। जब उनको दिखाया तो उन्होंने तत्काल ऑपरेशन करने के लिए कह दिया। साथ ही बताया कि देर करने पर मरीज की जान को खतरा है।

पीड़िता का आरोप है कि डॉ. प्रीति गुप्ता ने पहले ऑपरेशन के लिए 19 हजार रुपए बोले थे। बाद में जब अस्पताल में ऑपरेशन के लिए पहुंचे तो 30 हजार रुपए की मांग की। हमने तीस हजार का भुगतान कर दिया। उन्होंने नवंबर माह 2016 में ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद बताया कि बच्चादानी खराब हो चुकी है और दोनों बच्चे पेट में खराब हो गए है। इसलिए मैंने बच्चादानी को सिल दिया है और सफाई कर दी है। अब आप कभी मां नहीं बन सकेंगी। पीड़िता के पति को भी 5 साल तक पत्नी के साथ संबंध न बनाने की सलाह दी। इसके बाद वह वापस डबरा आ गए

इसके बाद 27 जनवरी 2017 को काजल को फिर पेट में दर्द हुआ। इस पर उसके पति ने वापस डबरा में एक डॉक्टर को दिखाया। फिर अल्ट्रा साउंड कराने की सलाह दी। उसने उसी दिन अल्ट्रा साउंड कराया तो उसमें 16 माह का गर्भ होने का पता लगा। कुछ दिनों बाद फरवरी में फिर अल्ट्रासाउंड कराया तो पेट में एक बच्चा जीवित होने की बात सामने आई। यदि अल्ट्रा साउंड बच्चा बता रहा है तो डॉ. प्रीति गुप्ता ने क्या सफाई की। किस बात के उन्होंने 30 हजार रुपए लिए। साथ ही यह धोखाधड़ी है मामला दर्ज किया जाए।
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काजल नाम की पेशेंट आई थी, लेकिन उसके साथ कोई ठगी या उसे धोखे में नहीं रखा गया है। उनका इलाज पूरी जिम्मेदारी के साथ किया गया है। वह क्यों झूठे आरोप लगा रहे हैं, यह समझ नहीं आ रहा है।
डॉ. प्रीति गुप्ता, गुप्ता नर्सिंग होम

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