व्यापमं घोटाला: नियंत्रक की नियुक्ति से लेकर EXAM तक हुआ घोटाला

भोपाल। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक :कैग: ने मध्यप्रदेश सरकार की यह कहकर कड़ी आलोचना की है कि उसने मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंण्डल :व्यापमं: में संचालक एवं नियंत्रक की नियुक्ति नियमों की सुनियोजित तरीके से अनदेखी करते हुए की थी, जिसके परिणामस्वरूप कुछ व्यक्तियों को अनुचित लाभ दिये जाने के साथ-साथ इसके द्वारा आयोजित परीक्षाओं की विश्वसनीयता में गंभीर कमी भी आई।

व्यापमं द्वारा ली गई मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश हेतु तथा विभिन्न सरकारी पदों के लिए की गई भर्ती परीक्षाओं में कथित रूप से व्यापक घोटाला सामने आया था और इसमें मंत्री, अधिकारी एवं एमबीबीएस के छात्रों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। व्यापमं के इस बहुचर्चित घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है और इस घोटाले के दर्जनों आरोपियों की रहस्यमय मौत हो चुकी है।

सौरभ के. मलिक, महालेखाकार :सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखापरीक्षा: मध्यप्रदेश, ग्वालियर ने 31 मार्च 2016 को समाप्त वर्ष के लिए मध्यप्रदेश सरकार के सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र का कैग का प्रतिवेदन विधानसभा में आज पेश करने के बाद यहां संवाददाताओं को बताया, राज्य सरकार द्वारा व्यापमं में संचालक एवं नियंत्रक की नियुक्ति नियमों के सुनियोजित तरीके से अनदेखी करते हुए की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप कुछ व्यक्तियों को अनुचित लाभ दिया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने डॉ. योगेश उपरीत को संचालक के पद पर 14 फरवरी 2003 को तथा डॉ. पंकज त्रिवेदी को नियंत्रक के पद पर तत्कालीन मंत्री के आदेश पर नियमों का उल्लंघन करते हुए सीधे नियुक्त किया गया था।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !