बलात्कारी शिक्षक का मामला: या तो मुख्यमंत्री बड़बोले हैं या DEO गुस्ताख

भोपाल। राजधानी के सरकारी स्कूल में शिक्षक द्वारा 10 वर्षीय छात्रा का रेप के मामले में शिवराज सिंह ने ट्वीटर कर जानकारी दी थी कि 11 वर्षीय मासूस छात्रा से दुराचार करने वाले नरधम शिक्षक को बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि डीईओ धर्मेंद्र शर्मा के हस्ताक्षर से जो आदेश जारी हुआ, उसमें आरोपी शिक्षक को महज सस्पेंड किया गया है। अब मामला उलझ गया है। मोहर सिंह को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त किया है या डीईओ ने सस्पेंड। या फिर मुख्यमंत्री ने केवल ट्वीट किया है, आदेश डीईओ ने जारी किया है। सच जो भी हो लेकिन 2 में से एक बात पक्की है, या तो मुख्यमंत्री बड़बोले हैं या डीईओ गुस्ताख। आरोपी शिक्षक का नाम मोहन सिंह है। बता दें कि यह मामला सारे देश भर की सुर्खियां बना हुआ है। 

क्या हुआ था घटनाक्रम 
अवधपुरी थाना क्षेत्र स्थित एक सरकारी प्राइमरी स्कूल के शिक्षक ने दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली 11 साल की छात्रा से ज्यादती की। यह सिलसिला बीते चार महीने से चल रहा था। खुलासा बुधवार को हुआ, जब बच्ची रोते हुए घर पहुंची और परिजनों को आपबीती सुनाई। पुलिस ने आरोपी शिक्षक मोहन सिंह को गिरफ्तार कर धारा 376, 342 आईपीसी 5/6 में केस कायम किया। बच्ची का परिवार सागर से आठ साल पहले यहां आया। पिता नहीं हैं। बच्ची की दो छोटी बहने हैं। एक छोटा भाई है। पड़ोस में ही बुआ रहती हैं। आरोपी टीचर के यहां बच्ची की मां ने काम किया। बच्ची भी साथ जाती थी। 

पीड़िता ने बताया कि सर पहले मुझे बुलाते थे। कभी कान पकड़ते तो कभी पीठ पर मारते थे। उनका यह व्यवहार मुझे अच्छा नहीं लगता था। ये बात मां को बताने की कोशिश की लेकिन मां और भाई का कहना था कि तुम पढ़ाई नहीं करती होगी इसलिए मारते होंगे। मां को तीन बार बताने की कोशिश की। वह बोली- सर से बात करेंगे। मां सर के यहां काम करती थी। यदि मां सर को बताती तो सर और मारते। हमने मना कर दिया कि सर को कुछ नहीं बताना।
फिर.. सर अपने कमरे में झाडू लगाने बुलाते थे... मुझे लगता था कि जब इस काम के लिए अम्मा है तो सर मुझे झाडू लगाने क्यों बुलाते हैं। आज सर ने कमरे में झाडू लगाने बुलाया। मैं अपने साथ एक लड़की को लेकर उनके कमरे में गई। सर ने उसे भगा दिया। बाद में बोले- तुम झाडू लगाओ... इसके बाद सर ने कमरा बंद कर दिया... मेरे पास आए और अपने और मेरे कपड़े उतारकर मुझे खींच लिया...फिर मेरे मुंह पर हाथ रख दिया... इतने में दरवाजा खटखटाने की आवाज आई...। वो चिल्लाने लगे ठीक से काम नहीं करती... इसके बाद उन्होंने दरवाजा खोल दिया। मुझे धमकाया कि किसी को कुछ बताना नहीं वर्ना स्कूल से निकाल देंगे। इसके बाद मैं डरकर बुआ के पास गई। बुआ सो रही थी उन्हें जगाकर पूरी बात बताई। बुआ ने भाई को फोन किया, मां को बुलाया और फिर पुलिस को फोन किया...।

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