महाराष्ट्र के बाद DELHI के 40 हजार डॉक्टर हड़ताल पर

नई दिल्ली। बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा डॉक्टरों की हड़ताल को बेवकूफी बताने के बावजूद महाराष्ट्र में डॉक्टरों के साथ मारपीट के विरोध में देशव्यापी हड़ताल जारी है। दिल्‍ली के 40000 डॉक्‍टर छुट्टी पर चले गए हैं। इसके अलावा एम्‍स के डॉक्‍टरों ने भी हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज करने का फैसला किया है। दिल्ली के डॉक्टर भी अब लामबंद हो गए हैं। दिल्ली में 40 अस्पतालों के 40 हज़ार रेजीडेंट डॉक्टर्स छुट्टी पर रहेंगे। इस दौरान अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं तो मिलेंगी लेकिन ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप रहेंगी।

द फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन यानी FORDA ने डॉक्टरों पर हमले की बढ़ती घटनाओं और महाराष्ट्र में निष्कासित डॉक्टरों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यह फैसला किया है। दूसरी तरफ, एम्स में डॉक्टर सुरक्षा के मुद्दे पर हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। एम्स की रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक डॉक्टरों के साथ मारपीट और उन्हें धमकी देने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसीलिए डॉक्टरों ने अब अपनी सुरक्षा खुद करने का फैसला लेते हुए हेलमेट पहनकर काम करना शुरू कर दिया है।

इधर, मुंबई में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। चौथे दिन भी महाराष्ट्र में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। इस बीच मुंबई के सायन अस्पताल में एक महिला डॉक्टर पर मरीज के परिजनों के हाथापाई और बदसुलूकी करने की भी घटना सामने आई है। जिसके बाद बीती रात सायन अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अस्पताल में काम बंद कर प्रदर्शन किया, लेकिन डॉक्टर्स की ज़िद्द को देखते हुए अस्पताल के डीन ने छुट्टी पर गए रेजिडेंट डॉक्टर्स को निष्काषित कर दिया और नोटिस के ज़रिए उन्हें जानकारी दी।

नोटिस में साफ तौर पर जिक्र किया गया है कि गलत तरीके से आपलोग छुट्टी पर गए उसके बाद आपको 21 मार्च को ड्यूटी ज्वॉइन करने के आदेश दिए गए जिसका आप लोगों ने पालन नहीं किया इसलिए इस आदेश द्वारा आपको पद से निष्काषित किया जाता है साथ ही आपके मास्टर्स डिग्री का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई भी कॉलेज प्रशासन ने शुरू कर दी है।

बताया जा रहा हैनिमोनिया से ग्रसित 3 महीने की बच्ची का इलाज कर रही महिला डॉक्टर मानसी पाटिल पर मरीज़ के 5 परिजनों ने धका-मुक्की और गाली गलौज की जिसके बाद वहां मौजूद डॉक्टर्स ने घटना के विरोध में सिक्यॉरिटी को इसकी जानकारी दी और उसके बाद मरीज के परिजनों वहां से हटाया गया। डॉक्टर्स का आरोप है की सिक्यॉरिटी को आने में 15 मिनिट से ज़्यादा का वक़्त लग गया और इस बीच महिला डॉक्टर के साथ कुछ भी हो सकता था।

इस घटना के तुरंत बाद एक मीटिंग कर सायन अस्पताल के सभी डॉक्टर्स ने अस्लात के परिसर के अंदर ही ज़मीन पर बैठकर प्रोटेस्ट किया और देखते ही देखते और भी अस्पताल के डॉक्टर्स उनका साथ देने वहां पहुंचे। इन डॉक्टर्स की मांग है कि उन्हें सही तरीके से सुरक्षा मुहैया कराई जाए वरना वह हड़ताल जारी रखेंगे। इस घटना के बाद कई पुलिसकर्मी सायन अस्पताल के बाहर और अंदर तैनात कर दिए गए हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स रात भर ज़मीन पर बैठ कर प्रोटेस्ट करने के साथ-साथ नारे लगाते रहे।

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