रात को चुपके से चली जाती थी, पति ने पैर काट डाला

दमोह। मात्र 1 साल पहले दांपत्य सूत्र में बंधे एक दंपत्ति के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि पति ने अपनी पत्नी का पैर काट डाला। पति का कहना है कि उसके सोने के बाद पत्नि चुपचाप कहीं चली जाती थी। कई बार मना किया लेकिन नहीं मानी। घटना वाले दिन भी वो कमरे से बाहर चली गई थी। सुबह से पहले लौटकर आ गई लेकिन गुस्से से भरे पति ने कुल्हाड़ी से उसका पैर काट डाला। फिर दो दिन उसे घर में कैद कर रखा। इस बीच उसने पत्नी के घाव में घी लगाकर उसकी सिकाई भी की। जब अनीता के ससुर पहुंचे तो यह मंजर देखकर बेहोश हो गए। 

मड़ियादो थाना प्रभारी एके निनामा ने बताया कि उदयपुरा के हरप्रसाद आदिवासी 25 ने मंगलवार की रात अपनी पत्नी अनीता आदिवासी 20 का दांया पैर का घुटने से नीचे का हिस्सा कुल्हाड़ी से काटकर अलग कर दिया। गुरुवार को दो दिन बाद सुबह ससुर दिकई उर्फ देवी अदिवासी पहुंचा और उसने यह मंजर देखा तो बेहोश हो गया। बाद में उसने इसकी सूचना पुलिस को दी।

यह मामला मंगलवार का बताया जा रहा है। गुरुवार को सामने आने पर इसकी पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने महिला को हटा सीएचसी पहुंचाया, जहां से उसे दमोह रैफर किया गया।
इधर हड्‌डी रोग विशेषज्ञ का कहना है कि 6 घंटे में महिला अस्पताल आ जाती है तो उसका पैर पुन: जोड़ा जा सकता था, अब 48 घंटे हो गए हैं, इसलिए कुछ नहीं हो सकता है।

जिला अस्पताल पहुंची अनीता ने बताया कि मंगलवार की रात वह घर से बाहर अमरूद के पेड़ के नीचे सो रही थी, वह बीच में उठकर झोपड़ी के अंदर गई तो पति ने पूछा कि कहां गईं थी ? पत्नी ने बताया तो वह कुछ नहीं बोला, लेकिन जब अनीता की नींद लग गई तो उसने रात में कुल्हाड़ी से उसका पैर काटकर अलग कर दिया। उसे घर से बाहर नहीं निकलने दिया और किसी से बात भी नहीं करने दी। खुद आग जलकर घाव की सिंकाई करता रहा।

कई बार समझाया, मगर नहीं मानी
देर शाम पुलिस ने आरोपी पति हर प्रसाद से पूछताछ की तो उसने बताया कि मंगलवार को सुबह 4.30 बजे उसने पत्नी का कुल्हाड़ी से पैर काटकर अलग कर दिया था। उसका कहना है कि उसकी पत्नी उसके सोने के बाद घर से बाहर चली जाती थी, कई बार समझाया, मगर नहीं मानी। मुझे चाहती भी नहीं थी। इसलिए मैंने उसका पैर काट दिया।

मड़ियादो थाना प्रभारी निनामा के मुताबिक हरप्रसाद पहले तो पत्नी को बंद कमरे में रखा रहा, लेकिन जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, वह भाग गया। हालांकि बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया। बता दें कि अनीता चार बहनें हैं, जिसमें वह ही सबसे बड़ी है। उसके पिता की मौत हो चुकी है, जबकि मां का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। ऐसे में अनीता के सामने संकट खड़ा हो गया है। निनामा ने बताया कि आरोपी के पिता देवकी आदिवासी की रिपोर्ट पर हरप्रसाद आदिवासी के खिलाफ धारा 307,336 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें पुलिस की लापरवाही सीधे-सीधे सामने आई है।

पुलिस के अधिकारियों ने फरियादी आरोपी के पिता की रिपोर्ट पर बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। जिसमें आगे चलकर बेटे का मामला होने के चलते पिता समझौता भी कर सकता है। इस मामले में पुलिस ने पैर गंवाने वाली अनीता को फरियादी नहीं बनाया है।

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