‘अमन का टापू’ मध्यप्रदेश, क्यों बनता जा रहा है, आतंकी गढ़

के.के. मिश्रा। भोपाल-उज्जैन पेसेंजर ट्रेन की एक बोगी में शाजापुर के पास जबड़ी स्टेशन पर हुए ब्लास्ट को एक सुनियोजित और सोचा-समझा षड्यंत्र बताते हुए राज्य सरकार से जानना चाहा है कि आखिरकार ‘अमन का टापू’ प्रदेश ‘आतंकी गढ़’ क्यों बनता जा रहा है, इसके लिए कौन जबावदार है? यही नहीं गृह मंत्रालय की वर्ष 2015 की अक्टूबर माह तक की प्रस्तुत रिपोर्ट में साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर भी मध्यप्रदेश 53 फीसदी की बढोत्तरी के साथ सबसे आगे है, ऐसा क्यों ?

साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं में अव्वल रहने वाले उत्तर प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले 04 फीसदी और गुजरात में 8 फीसदी बढोत्तरी हुई है, महाराष्ट्र में 2014 के मुकाबले अब तक एक भी ज्यादा घटनाऐं जहां दर्ज नहीं हुई हैं, वहीं मप्र में 53 फीसदी की बढोत्तरी होना एक खतरनाक संकेत है। इससे भी कहीं अधिक चिंता आईएसआई जासूसी कांड में भाजपा, बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े पदाधिकारियों को लेकर एक बड़े रहस्य के साथ सामने आयी है। 

भोपाल-उज्जैन पेसेंजर ट्रेन में हुए ब्लास्ट को लेकर प्रथम दृष्टया पुलिस के उस कथन को कि, ‘यह ब्लास्ट मोबाईल फटने से हुआ है’ हास्यास्पद है। उसके तत्काल बाद प्रदेश के गृह मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह का यह आधिकारिक कथन कि ‘क्षतिग्रस्त कोच से विस्फोटक सामग्री की गंध आ रही थी,’ कुछ ही घंटों में पिपरिया में 05, कानपुर में 01 गिरफ्तारी और लखनऊ में संदिग्ध आतंकी के साथ कमांडो की मुठभेड़। प्रदेश और देश के सामने एक गंभीर खतरनाक संकेत का इशारा कर रहा है। लिहाजा, राज्य सरकार और उससे संबद्ध गुप्तचर एजेंसियां इन परिस्थितियों को सामान्य न समझें और सूक्ष्म अनुसंधान कर प्रदेश को आतंकीगढ़ बनने से बचायें। 
लेखक श्री केके मिश्रा मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता हैं। 

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