विवाह पत्रिका मिलान में गुण के अलावा यह भी देखें

विवाह सम्बन्ध मॆ पत्री मिलान सूखी वैवाहिक जीवन का सबसे मूल सूत्र है। भगवान ने मानव कॊ प्रयत्न के रूप मॆ एक ऐसी शक्ति दी है जिससे वह जीवनधारा के प्रवाह कॊ अपने अनुकूल बना सकता है।इसी कॊ ध्यान मॆ रखते हुए भारतीय ज्योतिष ने पत्री मिलान की परम्परा विकसित की है।

विवाह पत्री मिलान के मुख्य तथ्य
विवाह सम्बम्ध दो देह दो आत्माओ का मिलन है।विवाह सम्बन्ध मॆ दो देह के मिलन द्वारा एक नई देह तथा नई आत्मा का इस संसार मॆ आगमन होता है पत्री मिलान जितना उत्तम होगा आनेवाली संतान तथा संतान के माता पिता कॊ रोग से बचाव होगा।जब स्त्री मां बनती है तब उसकी शारीरिक स्थिति मॆ परिवर्तन आता है।यदि यह परिवर्तन अनुकूल हुआ तो आप निरोग रहेंगे अन्यथा संतान उत्पति के बाद आपको कई बीमारी घेर लेंगी।

नाड़ी मिलान
वर वधू की नाड़ी एक होना अच्छा नही माना जाता इससे संतान उत्पति के पश्चात कष्ट होता है या तो संतान कॊ कुछ दिक्कत होगी या माता कॊ कष्ट होगा।ध्यान रहे माता एक प्रकार से भूमि है जिसके गर्भ मॆ पिता का बीज पलता है।पिता के बीज कॊ अपने शरीर का हिस्सा देकर मां नई आत्मा कॊ शरीर देती है।

श्रेष्ठ रक्त सम्बन्ध तथा मंगल मिलान
शादी विवाह मॆ मंगल मिलान कॊ विशेष महत्व दिया जाता है।मंगल रक्त का कारक माना जाता है।रक्त के द्वारा ही कोई शरीर बनता है यदि पति पत्नी के बीच मंगल मिलान अच्छा नही है तो आने वाली संतान शारीरिक रूप से कमजोर रोगग्रस्त या फ़िर मानसिक बाधाओं से ग्रस्त रहेगी।इसीलिये मंगल ग्रह का श्रेष्ठ मिलान अति आवश्यक है।

असमान रक्त समूह का मिलान
हमारे खून मॆ लोहा पाया जाता है जिसमे सकारात्मक और नकारात्मक गुण पाया जाता है।हमारी पृथ्वी भी इन्ही दो ध्रुव के मध्य घूम रही है इन दोनो ध्रुव के आकर्षण से ही पति पत्नी मॆ आकर्षण रहता है।समान ब्लड ग्रुप वाले पति पत्नी के जीवन मॆ अलगाव तथा कोई आनंद नही रहता तथा अलग ब्लड ग्रुप वालों मॆ प्रेम की केमेस्ट्रि इस अलग ब्लड ग्रुप का प्राक्रतिक आकर्षण ही है।इसिलिये समान ब्लड ग्रुप मॆ विवाह ना करें या समान नाड़ी मॆ विवाह ना करें।

गुण मिलान के अलावा ये भी देखें
अधिकतर मामलों मॆ लोग गुण मिलान करके इतिश्री कर लेते है 17 गुण मिले शादी कर ली।कुछ जगह तो चलते नाम से ही गुण मिलान कर जिम्मेदारी पूरी कर ली जाती है।कुछ जगह नाड़ी दोष तथा मंगल मिलान करके बात आगे बड़ा दी जाती है यह कुछ हद तक ठीक भी है लेकिन पत्री मॆ पति पत्नी  के भाव *सप्तम*की क्या स्तिथि है यह भी देखना चाहिये।दोनो पक्षों की ग्रह दशा कैसी है यह भी देखना चाहिये यदि यह सब अच्छी तरीके से देखें तो उत्तम विवाह सम्बन्ध होने का सपना पूरा होगा तथा आने वाली पीढ़ी भी उत्तम होगी।लेकिन गार्डन ,विवाह नृत्य कपडों रख रखाव मॆ पानी की तरह पैसे बहाने वाले पंडितजी कॊ 101 रूपय मॆ सूखी भविष्य की सलाह चाहते है यह कैसे सम्भव है।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893218948
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