महिला जिंदा थी, डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया, पति ने जिंदा जला दिया

आगरा। 24 साल की रचना सिसौदिया बीमार थी, 23 फरवरी को उसे अस्पताल दाखिल किया गया था। 25 फरवरी को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पति ने चिता सजाई और उसे जला दिया जबकि वो जिंदा थी। पुलिस ने अधजली लाश कब्जे में ली। पीएम कराया तो पता चला कि जब उसे चिता पर लिटाया गया, वो जिंदा थी। जब आग लगाई गई, वो जिंदा थी। उसकी मौत चिता की आग के कारण हुई है। बीमारी के कारण नहीं। 

रचना सिसौदिया की शादी देवेश वर्मा से कुछ दिन पहले ही हुई थी। अलीगढ़ में हुए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि रचना की सांस नली में राख पाया गया जिसका मतलब है कि जिस समय उसे चिता पर लेटाकर जलाया गया तब वह जिंदा थी। उसकी सांस चल रही थी।रचना को जब पुलिस ने चिता से उतारा तब तक वह 70 प्रतिशत जल चुकी थी। पुलिस ने मामले को लेकर रचना के पति देवेश चौधरी और 11 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।

गौरतलब है कि बुलंदशहर स्थित अपने घर से रचना 13 दिसंबर को गायब हो गई थी। महिला के एक रिश्‍तेदार के मुताबिक जब से वह गायब हुई उसे बहुत खोजा लेकिन नहीं मिली। बाद में पता चला कि वह देवेश के साथ रह रही है। अलीगढ़ में उसके गांव भी गए थे लेकिन रचना नहीं मिली। पड़ोसियों से जानकारी मिली कि शादी करने के बाद दोनों नोएडा में शिफ्ट कर गए थे।

पुलिस ने जानकारी दी कि रचना को 23 फरवरी को ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 25 फरवरी को उसकी मौत हो गई थी। अस्पताल के जारी डेथ समरी में बताया गया कि भर्ती करते समय वह बुखार, सांस लेने में तकलीफ, लूज मोशन से पीडित थी। दो दिन बाद और अक्यूट रेस्परेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम की वजह से महिला की मौत हो गई।

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