जिस्म माफिया ने किया था BHOPAL में रूपल को किडनैप, ये रही पूरी कहानी

भोपाल। गुरूवार सुबह हबीबगंज एरिया से दिनदहाड़े घर में घुसकर करीब 2 दर्जन किडनेपर्स द्वारा किया गया रूपल उर्फ गौरव शर्मा 22 वर्ष का अपहरण मामला पूरी तरह से खुलकर सामने आ गया है। गौरव को मुक्त करा लिया गया है और किडनेपर्स भी पुलिस की गिरफ्त में है। यह करतूत जिस्म माफिया की है। वो अपने धंधे से निकलकर लवमैरिज कर चुकी एक लड़की को उठाने आए थे। लड़की हाथ नहीं लगी तो उसके मौसेरे भाई को उठा ले गए। 

यह हुआ था सनसनीखेज घटनाक्रम
मकान नंबर 111/11 शिवाजी नगर निवासी रुपल उर्फ गौरव शर्मा (20) का गुरुवार दोपहर दिन-दहाड़े अपहरण हो गया। रूपल की मां सविता शर्मा ने बताया कि, गुरुवार को दो गाडिय़ां घर के बाहर आकर रुकी। गाड़ी में से लगभग दो दर्जन पुरुष और महिलाएं उतरीं और सीधे मेरे घर में घुस गए। घर में दाखिल होते ही उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट शुरू कर दी और रुपल को गाड़ी में भरकर ले गए। हमने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, वहीं सिर पर चोट लगने की वजह से परिजन मुझे अस्पताल ले गए। इलाज के तुरंत बाद मैं भी परिजनों के साथ थाने आ गई। गौरव का अपहरण राजस्थान नंबर की टवेरा और ग्वालियर नंबर की स्कॉर्पियो गाड़ी में किया गया था। सूचना मिलते ही हबीबगंज पुलिस ने शहर के हर थाने को गाड़ी का नंबर भेजकर अलर्ट कर दिया गया। इन दिनों विधानसभा चल रही है। ऐसे में राजधानी से दिनदहाड़े युवक का अपहरण बड़ा मामला था। पुलिस कोई रिस्क लेना नहीं चाहती थी। कड़ी घेराबंदी की गई। अपहरणकर्ताओं को राजगढ़ के पास कुरावर में पकड़ लिया गया है। रुपल सुरक्षित है।

क्यों किया अपहरण
यह मामला जंगल में आग की तरह पूरे शहर में फैल गया। सूचना मिलते ही रुपल की मौसी का बेटा विपिन और उसकी प्रेमिका भी हबीबगंज थाने पहुंच गए। विपिन ने बताया कि, वह अपनी प्रेमिका को लंबे समय से जानता है। दोनों के प्रेम-प्रसंग के बारे में पता लगते ही किरण के घरवालों ने उसका बाहर आना-जाना बंद कर दिया था। 3 मार्च को वो ग्वालियर से भागकर भोपाल आ गए थे। यहां दोनों ने शादी कर ली। लड़की के परिजन उसी वक्त से इन दोनों को ढूंढ रहे थे।

प्रेमिका ने खोला सनसनीखेज राज 
लड़की ने बताया, 'मैं मूलत: राजस्थान के बूंदी जिले की रहने वाली हूं। जब मैं 15 साल की थी, तब माता-पिता का देहांत हो गया था। मैं अकेली थी, इसीलिए मामा मुझे अपने घर ले आए थे। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही उनका व्यवहार बदल गया और वह मुझसे देह व्यापार कराने लगे। मैं मना करती थी, तो वे लोग मेरे साथ मारपीट करते थे। यह सब कुछ सालों तक चलता रहा। एक दिन अचानक मामा ने मुझे दूर के मौसा के साथ ग्वालियर भेज दिया। कुछ दिनों बाद पता चला कि मामा ने मुझे 9 लाख रुपए में बेचा था। ग्वालियर में भी मेरे साथ वही सब होता रहा। एक दिन नागपुर की दो महिलाएं ग्वालियर आई थीं। मौसा ने जबरदस्ती मुझे उनके साथ नागपुर भेज दिया। उन महिलाओं से पता चला कि मौसा ने मुझे दोबारा बेच दिया है। वे महिलाएं भी मुझसे देह-व्यापार करवाती थीं।

विपिन से प्यार कैसे हुआ 
नागपुर में भी महिलाएं मुझसे देह-व्यापार करवाने लगी थी। एक दिन मेरी मुलाकात विपिन से हुई और हम दोनों ने एक-दूसरे से प्यार का इजहार किया। विपिन ने उस दलदल से निकलने में मेरी मदद की। एक दिन मौका पा कर मैं विपिन के साथ वहां से भाग निकली। हम दोनों ने भोपाल में नोटरी पर शादी कर ली। अब मामा, मौसा और नागपुर की वे महिलाएं मुझे वापस उसी धंधे में धकेलना चाहते हैं। मैं विपिन के साथ रहना चाहती हूं, मुझे वापस उन लोगों के पास नहीं जाना।

तो फिर रुपल के घर का पता कैसे मिला 
रुपल के पिता प्रकाश शर्मा पीएचक्यू में हवलदार है। उन्होंने बताया कि, रुपल की मौसी का बेटा विपिन 3 मार्च को एक लड़की को लेकर घर आया था। दोनों दिनभर मेरे घर पर रहे और शाम को चले गए। विपिन भोपाल में ही किराए के मकान में रहता है। अपहरणकर्ता बार-बार विपिन के बारे में पूछ रहे थे। उन्होंने मेरी पत्नी को कहा कि, विपिन के बदले अपने बेटे को छुड़वा लेना।

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