भोपाल। आसपास के जिलों या दूरदराज के प्रदेशों से भोपाल में पढ़ाई करने या नौकरी करने आईं 100 से ज्यादा लड़कियां अरेरा कालोनी से संचालित होने वाले हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट में शामिल हैं। यह खुलासा रैकेट संचालक आशुतोष वाजपेयी के मोबाइल फोन से हुआ है। पुलिस को उसके फोन में कई लड़कियों के नंबर और अश्लील फोटो मिले हैं। माना जा रहा है कि आशुतोष, अपने ग्राहकों को यही फोटो वाट्सएप पर भेजता था। संदेह इससे भी पुख्ता हो रहा है कि आशुतोष की फोनबुक में दर्ज ज्यादातर लड़कियों ने तो अपने मोबाइल फोन ही बंद कर लिए हैं। पुलिस ऐसे कई मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल और पते की जानकारी जुटा रही है। इधर, बीते शनिवार कार्रवाई के दौरान फरार हुआ धनंजय उर्फ अन्नू सोमवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आशुतोष का यह साथी भोपाल से बाहर भागने की फिराक में था।
अन्नू की गिरफ्तारी आशुतोष की निशानदेही पर ही हो सकी है। टीआई हबीबगंज रविंद्र यादव ने बताया कि आशुतोष ही गिरोह चला रहा था। उसके फोन और आरोपियों से पूछताछ में उसके ही गिरोह के सरगना होने के बारे में पता चला है। उसके मोबाइल फोन की जांच में 100 से अधिक युवतियों के नंबर और फोटो मिले हैं। इनको उसने वॉट्सएप पर कई दूसरे नंबरों पर भेजा है। हालांकि यह सभी नंबर अब बंद आ रहे हैं।
छह महीने पहले हुई बायपास सर्जरी
आशुतोष को उसका परिवार पहले ही छोड़ चुका था। आशुतोष की पत्नी, भाई व मां कई सालों से अलग रह रहे थे। छह महीने पहले उसकी बायपास सर्जरी हो चुकी है। टीआई यादव के अनुसार आशुतोष बहुत ही शातिर है। वह लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा है। वह अब भी अपना जुर्म कबूल करने को तैयार नहीं है।
जितनी कम उम्र उतना अधिक दाम
पूछताछ में सामने आया कि कॉलगर्ल का रेट उम्र के हिसाब से तय होता था। जितनी कम उम्र की लड़की होती थी, उसके उतने ही अधिक रुपए मिलते थे। यही कारण रहा कि सना और शबनम कम उम्र की छात्राओं को फंसाने का काम करती थीं। पुलिस को फोन करने वाली पीड़ित छात्रा का सौदा 12 हजार रुपए में किया गया था।
बुधवार तक है रिमांड पर
आशुतोष 29 मार्च तक पुलिस रिमांड पर है। पुलिस को आशंका है कि आशुतोष शहर के बाहर भी कॉलगर्ल सप्लाई करता होगा। उसके मोबाइल फोन में कई दूसरे शहरों में रहने वालों के भी नंबर मिले हैं।