महिदपुर/उज्जैन। महिदपुर के कढ़ाई गांव स्थित भीमाशंकर महादेव मंदिर एक बार फिर चर्चा में है। करीब पांच वर्ष पहले जहां मंदिर के अवशेष व शिवलिंग निकला था। वहीं पर अब जमीन में से नंदी की प्रतिमा निकली है। नंदी के निकलने से लोग चमत्कार मान रहे हैं। जानकारी लगते ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार कढ़ाई गांव में भीमाशंकर महादेव मंदिर का निर्माण चल रहा है। अभी सुसनेर के पेंटर इरशाद भाई और उनकी टीम यहां रंगाई-पुताई कर रही है। यहां पर शुक्रवार को मिटटी में पत्थर की कुछ कृति इरशाद भाई को नजर आई। इस पर वे टीम के साथ वहां पहुंचे। यहां पर थोड़ा मट्टी कुरेदा तो एक प्रतिमा का स्वरूप नजर आया, जिसके बाद पेंटर ने मंदिर समिति के राधेश्याम कुमावत व सदस्यों को बुलाया।
इन्होंने मट्टी को अच्छी तरह से हटाया तो सामने नंदी भगवान की प्रतिमा थी। प्रतिमा देख इनके चेहरे पर आश्चर्य और उत्साह नजर आया। जानकारी लगते ही लोग इसे भोलेबाबा का चमत्कार मानते हुए ढोल बजाते हुए यहां पहुंच गए और पुष्प, अगरबत्ती के साथ नंदी भगवान का पूजन किया।
कढ़ाई में शिवलिंग व नंदी निकलने की खबर काफी रोचक है। कढ़ाई के पटवारी सुंदरलाल उपाध्याय को 4 फरवरी 2012 को सपने में कढ़ाई में मंदिर होने का सपना आया था। ग्रामीणों से चर्चा के बाद 20 फरवरी शिवरात्रि को मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। 4 मार्च को खुदाई में परमार कालिन मंदिर होने के अवशेष मिले। 11 मार्च को शिवलिंग व जलधारी निकली।
इसके बाद अब नंदी भगवान की प्रतिमा निकली। ऐसे में पटवारी का सपना एक के बाद एक चमत्कार से सच होता गया। वही ग्रामीणों की आस्था बढ़ती गई। जिसके लिए पांच गांवों की समिति बनाकर लगातार जनसहयोग से निर्माण किया जा रहा है। कढ़ाई के बलराम उपाध्याय ने बताया कि मंदिर में नवीन समिति भी गत दिनों बनाई गई। जिसमें अध्यक्ष मुकेश पाटीदार को बनाया गया। समिति द्वारा जल्द ही प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
कढ़ाई में निकली नंदी की प्रतिमा परमार कालीन है। जिसमें दोनों सिंगों के बीच नागफन है।प्रतिमा अलंकृत होकर अदभुत है। ऐसी प्रतिमा देखने को नहीं मिलती है। पूर्व में खुदाई के दौरान भी 1200 वर्ष पुराने पत्थर, ईंटे भी निकले थे।